खीरों,रायबरेली- सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का भगीरथ प्रयास कर रही है। लेकिन भ्रष्टाचार सुरसा के मुंह की तरह बढ़ता ही जा रहा है। ऐसा ही एक मामला कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय खीरों का प्रकाश में आया है। जहां विद्यालय की बच्चियां बीमारी से जूझ रही हैं। वहीं वार्डेन पर बच्चियों ने अनेक प्रकार से भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। जिसका वीडियो और बच्चियों के शिकायती पत्र इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने से हड़कंप मच गया है। विभागीय अधिकारी मामले की जांच में जुट गए हैं तो स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी विद्यालय पहुंचकर बच्चियों का स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार शुरू कर दिया है।
कस्बा खीरों में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय स्थित है। जिसमें क्षेत्र के विभिन्न गांवों की एक सैकड़ा बच्चियां पढ़ रही हैं। प्रसारित वीडियो के अनुसार अनेक बच्चियों के पूरे शरीर में दाने और छाले पड़ने के कारण उनसे पस और कीड़े निकल रहे हैं। लापरवाह वार्डेन शान्ति सिंह ने इस सम्बन्ध में न तो स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी और न ही विभागीय अधिकारियों को जानकारी देकर उनका उपचार कराया। बच्चियों द्वारा शिकायत करने पर उनका उपचार कराया गया। विद्यालय की शिकायतकर्ता बच्चियों ने बताया कि किसी भी मामले की शिकायत करने पर वार्डेन शान्ति सिंह द्वारा उन्हें अनेक प्रकार से प्रताड़ित किया जाता है। उन्हें अच्छा भोजन नहीं दिया जाता है। विद्यालय में उनके बैग से पुस्तकें और कापियां चोरी होने पर वार्डेन से शिकायत करने पर उल्टे उन्हें ही डाट मिलती है। बच्चियों के पूरे शरीर पर दाने और छाले पड़ने के कारण उनसे पस और कीड़े निकल रहे थे। शिकायत करने पर पानी में कमी बताई गई। उसके बाद उनका उपचार कराया गया। इस सम्बन्ध में वार्डेन शान्ति सिंह ने बताया कि समय से बच्चियों का स्वास्थ्य परीक्षण कराकर उपचार कराया गया। अन्य आरोप शिक्षिकाओं द्वारा प्रेरित करने पर बच्चों ने झूठे आरोप लगाए हैं। जब पूंछा गया कि क्या एक दिन में बच्चों के शरीर से पस और कीड़े निकल रहे थे तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। जानकारी होने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पहुंचकर बच्चियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। बीईओ मुकेश कुमार ने भी विद्यालय पहुंचकर मामले की जांच की। बीईओ मुकेश कुमार ने बताया कि सभी विंदुओं की जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टया वीडियो दिसम्बर माह के अंत का है। उसके बाद बीमार बच्चियों का उपचार कराया गया था। जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा।
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय खीरों की छात्राओं ने लिखित आरोप लगाया है कि वार्डेन शान्ति सिंह द्वारा बच्चों के लिए अलग मानक विहीन भोजन दिया जाता है। जबकि स्वयं और शिक्षिकाओं के लिए अलग खाना बनता है। कापी पेंसिल आदि बेंच दी जाती हैं। अधिकारियों के दौरे से पहले जो सामग्री नहीं बिकती है उसे जला दिया जाता है। विभाग द्वारा प्रेषित उनके निजी उपयोग की वस्तुएं उन्हें नहीं दी जाती हैं।
बी ई ओ की जांच में वार्डेन द्वारा बच्चियों और शिक्षिकाओं के साथ भेदभाव का मामला प्रकाश में आया। जिसे वार्डेन ने झूठा बताया। बच्चियों द्वारा सामग्री की बिक्री और उन्हें न देने की बात को भी झूठा बताया।