शिवगढ़ (रायबरेली)। पीडब्लूडी विभाग की लापरवाही से क्षेत्र के किसानों की हजारों हेक्टेयर धान की फसल जल मग्न होकर पूरी तरह से चौपट हो गई है। पीडि़त किसान भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके हैं। क्षेत्र के प्रभावित किसानों ने एसडीएम महाराजगंज को शिकायती पत्र देकर मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है। विदित हो कि पीडब्लूडी विभाग ने सिंचाई विभाग की अनुमति के बगैर शिवगढ़ ड्रेन पर पिपरी का पुल बनाने के लिए सकरी मोहडी के होम पाइप डालकर बाईपास बना दिया था। बाईपास से बरसात का पानी ना निकल पाने के कारण शिवगढ़ क्षेत्र की हजारों हेक्टेयर धान की फसल जल मग्न हो गई थी। जिसको लेकर क्षेत्र के किसानों ने रोष प्रकट करते हुए प्रदर्शन भी किया था। पूर्व विधायक रामलाल अकेला के हस्तक्षेप पर पीडब्लूडी विभाग ने बाईपास का करीब छह फुट किनारा जेसीबी मशीन से कटवा दिया था। किंतु तली तक खुदाई ना होने के कारण काफी दिनों तक फसलें जलमग्न रही। जिसके चलते क्षेत्र की हजारों हेक्टेयर धान की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई। मजे की बात है कि सिंचाई विभाग के आला अधिकारियों की नींद तब खुली जब जनप्रतिनिधियों ने फोन कर उन्हें फटकार लगाई। क्षेत्र के प्रभावित किसानों का कहना है कि उनकी फसले प्रकृति के कहर से नहीं बल्कि पीडब्लूडी एवं सिंचाई विभाग की लापरवाही से चौपट हुई हैं। इसलिए संबंधित विभागों के खिलाफ कार्यवाही करने के साथ ही शासन द्वारा सभी प्रभावित किसानों के नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा दिया जाय। बेड़ारु प्रधान कामिनी देवी, चितवनियां प्रधान महेश कुमार, बैंती प्रधान जानकी शरण जायसवाल, देहली प्रधान अवध राम, प्रमुख विष्णु प्रकाश वर्मा, जमुना प्रसाद वर्मा, लक्ष्मीकांत, रामशरण, राकेश चंद्र वर्मा, रामप्रकाश, रामआसरे, सर्वजीत वर्मा, मनोरमा मुरालीलाल, दीनानाथ मिश्रा, रामखेलावन, उमाशंकर, अयोध्या प्रसाद दर्जनों लोगों ने एसडीएम शालिनी प्रभाकर को शिकायती पत्र देकर कार्यवाही की मांग की है। इस बाबत जब एसडीएम शालिनी प्रभाकर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि किसानों का भारी मात्रा में नुकसान हुआ है। जिसके नुकसान का आकलन राजस्व टीम द्वारा कराये जाने के बाद मुआवजे के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है।