12 साल पहले जगतपुर क्षेत्र में हुई थी हत्या, बब्बन उर्फ विश्वनाथ सिंह पाए गए दोषी
रायबरेली। 12 वर्ष पहले जगतपुर के टिकठा मुसल्लीपुर गांव के प्रधान की हत्या के मामले में बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश ने फैसला सुनाया। वारदात में आरोपित चार लोगों में से सिर्फ पूर्व ब्लाक प्रमुख पर ही दोष सिद्ध पाया गया है। उन्हें आजीवन कारावास की सजा के साथ दस हजार रुपये जुर्माना अदा करने का दंड भी दिया गया है।
वारदात 15 जनवरी 2006 की रात लगभग नौ बजे शहर के फीरोज गांधी कालोनी में हुई थी। यहां के विनोद सिंह अपने भतीजे उदय सिंह व अन्य लोगों के साथ पड़ोसी राकेश शुक्ल के दरवाजे बैठे थे। विनोद का भतीजा जगतपुर के टिकठा मुसल्लीपुर का प्रधान था। तभी उदय सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वादी मुकदमा विनोद सिंह ने आरोप लगाया था कि बब्बन सिंह उर्फ विश्वनाथ सिंह, उनके भाई दल बहादुर सिंह निवासी गूंझी, कपींद्र सिंह और हरीश सिंह निवासी जलालपुर बेही थाना जगतपुर वहां आ गए। बब्बन के हाथ में तमंचा और कपींद्र के पास हाथगोलानुमा वस्तु थी। बब्बन ने उदय पर गोली दाग दी। कपींद्र ने हथगोला फेंका जो कि राकेश शुक्ला को लगा। हमलावर भाग निकले। ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान उसी रात उदय की मौत हो गई थी। पुलिस ने उस वक्त घटनास्थल से तमंचा, एक डायरी व कुछ अन्य साक्ष्य इकट्ठा कर लिए थे। उन्हीं साक्ष्यों और सुबूतों के आधार पर अपर सत्र न्यायाधीश रामपाल ने बब्बन उर्फ विश्वनाथ सिंह को दोषी पाया और सजा सुनाई, जबकि अन्य आरोपितों को बरी कर दिया गया। मुकदमे की पैरवी सरकारी अधिवक्ता अवधेश कुमार पांडेय कर रहे थे। बब्बन सिंह बसपा शासनकाल में जगतपुर के ब्लाक प्रमुख रह चुके हैं।