डीएम ने किसानों की समस्याओं को रूचि लेकर निस्तारण के दिये निर्देश
रायबरेली। जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने बचत भवन में आयोजित किसान दिवस पर कृषि से जुड़े अधिकारियों से कहा कि वे किसानों की समस्याओं को रूची लेकर निस्तारण करें। उन्होंने ने कहा कि जनपद में उत्तम किस्म के बीच व खाद्य की कोई कमी नहीं है। इसके अलावां जनपद में क्रय केन्द्रों पर धान की खरीद का कार्य चल रहा है। किसान अधिक से अधिक संख्या में जाकर धान को क्रय केन्द्रों पर दें। धान क्रय में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत हो तो अपनी समस्याएं खाद्य विपणन अधिकारी आदि सहित उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाकर निस्तारण कराये।
उन्होंने जिला गन्ना अधिकारी को निर्देश दिये कि अमावां गांव के किसानों की गन्ना से संबन्धित सभी समस्याओं का निस्तारण कराये। जिलाधिकारी ने किसान फसल बीमा के अधिकारियों से कहा कि वे फसल के बीमा के सम्बन्ध में किसान को ‘किसान दिवस’ में विस्तार पूर्वक बताए उसके बात कोई समस्या आती है तो उसका निस्तारण भी करें। डीएम ने कहा कि किसानों को पराली जलाने से होने वाले पर्यावरण नुकसान और मनुष्यों के स्वास्थ्य पर पडने वाले असर पर सख्त कदम उठाये है और किसानों को जागरूक जनजागरण करने व कार्यवाही हेतु टीम गठित टीमों को निर्देश दिये है कि वे पराली जलाये जाने के संबन्ध में सरकार वे राष्ट्रीय हरित न्यायधिकरण के निर्देशों को किसानों को समझाये। कृषक ने पराली जलाई तो उसके खिलाफ कार्यवाही हो सकती है। अर्थदण्ड भी वसूला जायेगा। किसानों को बताया गया कि कृषि विकास सम्बन्धी जानकारियों को भली-भांति जानकर कृषि विकास में योगदान दें। किसान दिवस में किसानों को धान, गेहूं, सरसों, अरहर, बाजरा आदि फसलों की अच्छी उत्पादकता के बारे तथा धान की सरकारी केन्द्रों पर खरीद व उसके समर्थन मूल्य आदि की भी विस्तार से जानकारी दी। डीएम ने कहा कि अधिकारी किसान की विद्युत, सिंचाई, खाद, नहर की व्यवस्था में किसी भी प्रकार कोई दिक्कत हो तो उसका तत्काल निराकरण करें। जिलाधिकारी ने कृषकों को अवगत कराया कि फसल बीमा और पशु बीमा आवश्य कराये जिससे कि फसलों की छति तथा पशुओं की मृत्यु होने पर बीमा धन प्राप्त हो सके। कृषि विशेषज्ञ ने कहा कि सरसों एक महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है। सरसों की खेती कृषकों के लिए बहुत लोक प्रिय होती जा रही है क्योंकि इससे कम सिंचाई व लागत से अन्य फसलों की अपेक्षा अधिक लाभ प्राप्त हो रहा है। उपकृषि निदेशक महेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रगतिशील किसान रूचि लेकर आगे बढ़े भाग्य के सहारे न रहे क्योकि मेहनत से ही भाग्य बदलता है। जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि हमारे देश व प्रदेश का पारम्परिक खेती पर अधिक निर्भरता है। जबकि अब व्यावसायिक खेती जैसे मसालों, फलों-फूलों आदि कृषि विविधकरण की खेती को भी कृषकों द्वारा अपनाया जाना चाहिए। जिससे कि कृषकों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। इस मौके पर उद्यान, सिंचाई, पशु चिकित्साधिकारी आदि विभागों के अधिकारियों ने किसानों को विस्तार से जानकारी दी।