अतरहर-खीरों-रायबरेली परिवहन सेवा स्थगित, जनता परेशान प्रशासन मौन!

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रायबरेली। जनपद के ब्लाक मुख्यालय खीरों से गुजर कर रायबरेली आने वाली एक मात्र परिवहन सेवा अतरहर-खीरों-रायबरेली-लखनऊ अचानक रोक दिये जाने से प्रातः काल कचेहरी, अस्पताल और विद्यालय आने-जाने वाले यात्रियों को भीषण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खीरों ब्लाक मुख्यालय को जिला मुख्यालय रायबरेली से जोड़ने वाली, प्रातः उपलब्ध अकेली इस सेवा से बड़ी संख्या में लोग प्रातः काल विभिन्न प्रयोजनों से रायबरेली और वहां से आगे सुदूरवर्ती गंतव्यों की यात्रा के लिए निकलते हैं। किंतु बिना परमिट अवैध चल रहे निजी वाहनों के मालिकों से स्थानीय परिवहन प्रबन्धन की अनैतिक साठ-गांठ के चलते इस परिवहन सेवा पर प्रायः बन्दी का लगने वाला ग्रहण ब्लाक क्षेत्र के दैनिक यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बना रहता है।

अच्छे लोड फैक्टर और अच्छी आय के बावजूद रायबरेली के परिवहन निगम प्रबन्धन की इस सेवा के संचालन मे किंचित रुचि न होने से यात्रा के दौरान हो रही परेशानी के चलते क्षेत्रीय जनता में भीषण आक्रोश व्याप्त है।  किंतु सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक के लिए जनता की आवाज नक्कारखाने में तूती की तरह साबित हो रही है। जनता द्वारा बार-बार ध्यान आकृष्ट कराये के बावजूद रायबरेली डिपो प्रबन्धन का रवैया बेढंगी रफ्तार से चल रहा है। कभी स्टाफ अनुपलब्धता का, कभी चालक के अवकाश पर होने का बहाना बता कर सप्ताह, पखवारों तक के लिए प्रबन्धन द्वारा सेवा स्थगित कर दी जाती है। सवाल यह है कि आखिर नियमित आने जाने वाली, लाभप्रद इस अकेली सेवा को स्थगित करने का औचित्य क्या है? ज्ञातब्य है कि रायबरेली से इस मार्ग से होकर कानपुर के लिए प्रातः काल दो परिवहन सेवायें, जाती तो हैं, किंतु इस मार्ग से उनमे से किसी की वापसी नहीं होती। केवल अतरहर-खीरों-रायबरेली ही इकलौती ऐसी सेवा है जो प्रातः यात्रियों को रायबरेली ले जाती है, और शाम को घर वापस लाती है। गौरतलब है कि जिन मार्गों पर तमाम परिवहन सेवाएं उपलब्ध हैं, उनमें से एक सेवा के कर्टेल होने से यात्रियों को उतनी परेशानी नहीं होती है, जितनी किसी मार्ग की अकेली सेवा कर्टेल कर देने से यात्रियों को होती है। वरिष्ठ चिंतक, विचारक और समाजसेवी स्वतंत्र सिंह चैहान ने लखनऊ मण्डल के क्षेत्रीय प्रबन्धक से मांग की है कि जनहित में इस परिवहन सेवा का नियमित व  निर्बाध संचालन सुनिश्चित कराये जाने हेतु संबन्धित अधिकारी को आदेश जारी करने करें ताकि विभाग को बन्दी से लग रहे राजस्व के चूने से भी निजात मिल सके।

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