सलोन (रायबरेली)। मन्नत पूरी होने के बाद दूसरे धर्म के प्रति बढ़ती हुई आस्था के झंडे ने बवाल पैदा कर दिया। शहीदों को श्रद्धांजलि देने और पाकिस्तान व आतंकवाद के विरुद्ध किए जा रहे प्रदर्शन के दौरान लोगों की नजर जब इस झंडे पर पड़ी तो वह आग बबूला हो उठे। कारण की एक वर्ग विशेष के मजहब से जुड़ा यह झंडा दूर से उनको पाकिस्तानी लग रहा था। नाराज लोगों ने हाईवे जाम कर विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस संवेदनशील घटना की सूचना पर फौरन पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल की तो पता चला कि यह पाकिस्तान का झंडा नहीं बल्कि मजहबी झंडा है फिलहाल मकान मालिक ने माहौल को दृष्टिगत रखते हुए झंडा उतार लिया था। जानकारी के अनुसार कोतवाली क्षेत्र के ग्राम नूरूद्दीनपुर मे एक प्रतिष्ठित मकान के ऊपर दूसरे समुदाय का मजहबी झंडा लगा हुआ था। क्षेत्र के लहुरेपुर गांव से लगभग एक सैकड़ा लोग करहिया बाजार मार्ग की ओर शहीद हुए जवानों को श्रद्धाजंलि देने के साथ पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। तभी कुछ युवकों की निगाह एक प्रतिष्ठित मकान पर पड़ी। जहां पर दूसरे समुदाय का मजहबी झंडा लगा हुआ था। युवकों को लगा कि मकान पर पाकिस्तान का झंडा लगा हुआ है। यह देखकर युवक आग बबूला हो गये और करहिया टोल टैक्स पर मार्ग को अवरुद्ध कर दिया। ग्रामीणों के मुताबिक लगभग आधा घण्टे मार्ग अवरुद्ध रहा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मार्ग को खुलवाकर घटना को जानने का प्रयास किया, तब तक मकान से झंडा गायब हो गया।फिर भी ग्रामीणों ने मकान के ऊपर लगे झंडे का वीडियो बना लिया था। कोतवाली पुलिस के मुताबिक करहिया चौकी अंतर्गत ग्राम सभा नुरूद्दीनपुर निवासी एक युवक ने एक वर्ष पूर्व अजमेर शरीफ में जाकर कुछ मन्नत मांगी थी। मन्नत पूरी होने के बाद उसके परिवार के लोग अपने छत पर मौलाना के कहने से मजहबी झंडा लगा दिया। जिसके बाद पाकिस्तानी झंडा फहराए जाने की सूचना पर लगभग एक से डेढ़ सौ के बीच आक्रोशित युवक टोल पर एकत्र हो गए मार्ग जाम कर दिया। मामले की जांच की गई तो पता चला की छत पर लगा झण्डा पाकिस्तानी नहीं मजहबी था। कोतवाल राम आशीष उपाध्याय नेे बताया कि आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर घर भेज दिया गया है।
रिपोर्ट : प्रदीप गुप्ता