वाराणसी: रोहनियाँ
आज से एक 23 दिन पूर्व सरकार द्वारा उजाड़े गये करसड़ा गाँव की मुसहर बस्ती के पीड़ित असहाय परिवारों के लिए दिन- रातें बहुत भारी पड़ रही हैं। काम धंधा बंद करके टूटी झोपड़ी की दिन रात रखवाली करना और खुले आसमान के नीचे भुखे सोना उनके लिए मरने के बराबर हो गया है। एक तरह से देखा जाए तो हर रोज सुबह उनका जगना दूसरा जन्म लेने के बराबर होता है। रोज जीने-मरने के बीच पीड़ित परिवारों को तलाश थी कि कोई आकर उन्हें इस मुसीबत और भुखमरी से बचने में मदद करे और मुसीबत से बचा सके। और इस काम को पूरा किया काशी के बनारसी साड़ी के कारोबारियों ने, उनके बीच 15 दिन का पर्याप्त खाद्य सामग्री वितरण करके। हालांकि ऐसे कई लोग हैं, जिनकी संवेदना और सहानुभूति मरी नहीं है। इंसानियत उनके रगो-रगो में समाई हुई है। ऐसे लोग ही गरीबों की पीड़ा को समझते हुए नेक कार्य के लिए आगे आते हैं और राशन, कपड़े, कंबल, दवा आदि जरूरत की चीजों का वितरण कर लोगों की सेवा के लिए दूसरों को भी प्रेरित करते हैं।
पीड़ितों की जरुरत और मजबूरियों को देखते हुए युवा व्यापारियों ने मिशाल पेशकर रविवार को करसड़ा गांव के उजाड़े हुए मुसहर बस्ती के पीड़ितों के बीच राशन वितरित किया। हम पीड़ित परिवारों की ओर से इनके प्रति आभार व्यक्त करते हैं। समाज में आज भी कई ऐसे लोग हैं, जो गरीबों की पीड़ा को समझते हैं और उनकी मदद के लिए आगे भी आते हैं। सहयोगियों का यह कार्य समाज को प्रेरणा देने वाला है।
दलित फ़ाउंडेशन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बताया कि यहाँ के मुसहरों के आशियाने को तहसील प्रशासन द्वारा गैर क़ानूनी तरीक़े से बुल्डोजर लगा कर उजाड़े हुए आज पूरे 23 दिन बीत गया है। पीड़ित परिवारों के छोटे-बड़े सभी सदस्य खुले आसमान के नीचे भुखे रहने को मजबूर हैं। उनके लिए काम धंधा बंद कर बस्ती की रखवाली करना भुखमरी जैसी समस्या पैदा होता जा रहा है। बड़े बूढ़े बच्चे आधा पेट भोजन मिलने के कारण लगातार कमजोर हो रहे हैं। भुख और सर्दी उनके लिए भारी मुसीबत बनती जा रही है। लेकिन सामाजिक संगठनों के सहयोग से कुछ राहत मिल जाती है। इस स्थिति में पीड़ित व गरीब परिवार के लिए भोजन के लिए राशन आदि की जरूरतें बढ़ गयी थी।
पीड़ितों की जरुरत और मजबूरियों को देखते हुए व्यापारियों ने मिशाल पेशकर रविवार को करसड़ा गांव के उजाड़े हुए मुसहर बस्ती के पीड़ितों के बीच राशन वितरित किया। हम पीड़ित परिवारों की ओर से इनके प्रति आभार व्यक्त करते हैं। समाज में आज भी कई ऐसे लोग हैं, जो गरीबों की पीड़ा को समझते हैं और उनकी मदद के लिए आगे भी आते हैं। सहयोगियों का यह कार्य समाज को प्रेरणा देने वाला है। यही कारण है कि हम पीड़ितों की मदद के लिए लोगों से लगातार अपील कर रहे है। राजकुमार गुप्ता ने अपनी बात को रखते हुए कहा कि ऐसे व्यापारियों, संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बदौलत ही पिछड़ा, वंचित और मजदूर वर्ग के वे लोग जो सत्ता में कोई पहुंच नहीं रखते हैं; विपक्षी दल के नेता केवल वोट के बहाने उनके दरवाजे पर हाजिरी लगाते हैं, कुछ करने की जज्बा बना लेते हैं और अपना लक्ष्य प्राप्त करते हैं। राहत सामग्री वितरण में राजकुमार गुप्ता, योगीराज सिंह पटेल, बीरभद्र सिंह, अनिल कुमार, विशाल, नम्रता, अभिषेक, बलदेव, राजेश कुमार, राहुल कुमार, धर्मू कुमार, बुद्धु राम, सोमरा देवी, सदानंद, विजय, शंकर आदि लोगो ने सहयोग दिया।
राजकुमार गुप्ता रिपोर्ट