प्रतापगढ़। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 विजय प्रताप सिंह ने बताया है कि प्रदेश में एवियन इन्फ्लूएन्जा (बर्ड फ्लू) को नियंत्रित करने के उद्देश्य से शासन की अधिसूचना के अनुसार कुक्कुट सहित सभी प्रकार के जीवित पक्षियों का उ0प्र0 राज्य की सीमा में आयात दिनांक 24 जनवरी तक प्रतिबन्धित किया गया था। उन्होने बताया है कि निदेशक रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र पशुपालन विभाग उ0प्र0 लखनऊ अवगत कराया गया है कि वर्तमान में जंगली पक्षियों की बीमारी एवियन इन्फ्लूएन्जा का एक रूप है एवं जांच में स्ट्रेन एच.5 एन.1 मानव के लिये संक्रामक होने का कोई प्रमाण नही पाया गया है। यह भी बताया गया कि दिनांक 15 जनवरी तक प्रदेश के समस्त जनपदों से बर्ड फ्लू सर्विलान्स के अन्तर्गत 2811 स्बैव, 1013 सीरम सैम्पल एवं 43 मृत पक्षी जांच हेतु चिन्हित प्रयोगशाला को भेजे गये जिनमें से 2035 प्राप्त जांच रिपोर्ट में मात्र 11 सैम्पुल ही पाजिटिव पाये गये है जो 0.54 प्रतिशत (अति न्यून) है। इसके अतिरिक्त सचिव भारत सरकार, मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, पशुपालन एवं डेयरी विभाग नई दिल्ली द्वारा अवगत कराया गया है कि भारत में वर्ष 2006 से प्रत्येक वर्ष एवियन इन्फ्लूएन्जा का आउट ब्रेक होता है परन्तु अभी तक मानव में इसके संक्रमण की कोई सूचना नहीं है। पूरे विश्व में एच.5 एन.1 एवियन इन्फ्लूएन्जा के अन्य स्ट्रेन के प्रसंस्कृत (प्रोस्टेड) उत्पादों से फैलने की पूरे विश्व में कोई वैज्ञानिक रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है। यह विषाणु 70 डिग्री सेन्टीग्रेट तापमान पर 03 सेकेण्ड में ही नष्ट हो जाता है 70 डिग्री सेन्टीग्रेट तापमान पर भली-भांति पकाये गये मीट या अण्डे के सेवन से कोई खतरा नही है। जंगली पक्षियों में संक्रमण के दृष्टिगत पोल्ट्री व पोल्ट्री उत्पाद के परिवहन को प्रतिबंधित करना तर्क संगत नही है। प्रतिबंध मात्र सवंमित क्षेत्र के 10 किमी की परिधि में ही लगाया जाना चाहिये। उन्होने बताया है कि भारत सरकार द्वारा की गयी अपेक्षा एवं निदेशक रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र पशुपालन विभाग उ0प्र0 लखनऊ द्वारा उपलब्ध कराये गये तथ्यों एवं प्रस्ताव के क्रम में कुक्कुट सहित सभी प्रकार के जीवित पक्षियों के उ0प्र0 राज्य की सीमा में आयात पर लागू प्रतिबन्ध को समाप्त किया जाता है।
अवनीश कुमार मिश्रा रिपोर्ट