महराजगंज (रायबरेली)। एक तरफ जहां केंद्र व प्रदेश की सरकार कृषकों की आय दोगुनी करने का दंभ भर रही है। वहीं क्षेत्र के किसान अपनी फसल को ओने पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं। प्रदेश सरकार पूरे प्रदेश में किसानों को सुविधाये देने के लिए फसलों का समर्थन मूल्य जारी कर सरकारी क्रय केंद्र खोलने व कृषक महाकुंभ का आयोजन कर जोर-शोर से प्रचार-प्रसार करती है, जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य सके लेकिन तहसील व जिले के अधिकारियों की निरंकुशता के चलते सरकार का वादा फेल होता नजर आ रहा है।
एक तरफ तहसील क्षेत्र में क्रय केन्द्र की स्थापना करते हुए जोर शोर से प्रचार प्रसार करते हुए सरकारी क्रय केन्द्र खोले गये लेकिन क्षेत्र के सभी सरकारी क्रय केन्द्रों पर सरकारी खरीद बंद होने के कारण क्षेत्र के किसान अपनी फसल को औने पौने दामों पर बेंचने को मजबूर हैं। क्षेत्र मे जहां समर्थन मूल्य और सरकार की खरीद नीति तथा सरकारी क्रय केन्द्र का तहसील प्रशासन ने जोर-शोर से ग्राम पंचायतों में प्रचार-प्रसार किया, लेकिन क्षेत्र के सभी क्रय केन्द्र बंद होने के कारण किसान अपने को ठगा महसूस कर रहा है। क्षेत्र के पूरे अहलादी मजरे मऊ निवासी किसान रमाकांत अवस्थी ने बताया कि मैने अपनी कुल सात हेक्टेयर जमीन में से लगभग छह हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती की थी। समर्थन मूल्य और क्रय केन्द्रों पर खरीद की बात सुनकर खुश हुई थी कि चलो अब सरकार किसानों के हितों के बारे मे सोंच रही है लेकिन मैं रोज अपनी फसल को बेंचने के लिए क्रय केन्द्र के चक्कर लगाने को मजबूर हूं। यहां केन्द्रों पर कोई सुनने वाला ही नहीं है। किसान शैलेश मिश्रा निवासी कुसमहुरा, विनय कुमार सिंह दशवंतपुर, शैलेंद्र प्रताप सिंह जनई व श्रीपाल निवासी रवना मजरे जिहवा, किसान राजकुमार यादव पूरे मचाल सारीपुर ने बताया कि अपनी फसल को सरकारी क्रय केन्द्रों पर बेंचने के लिए रोज चक्कर लगा रहे हैं लेकिन इन सरकारी केन्द्रों पर खरीद नहीं होने के कारण यह लोग रोज मायूस होकर लौटने को मजबूर हैं। इन किसानों का कहना है कि जब सरकार फसलों का समर्थन मूल्य जारी करके सरकारी क्रय केन्द्र खोले हैं तो इन पर खरीद क्यों नहीं हो रही है। इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए जब एसएमआई अंकित मिश्रा से सवाल किया तो उन्होंने बताया कि धान खरीद केन्द्र पर हम सभी कर्मचारियों की मांगे नहीं मानी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जब तक हम लोगों की मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक हम सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। मामले में उपजिलाधिकारी शालिनी प्रभाकर का कहना है कि क्षेत्र में जितने भी सरकारी क्रय केन्द्र बनाए गए हैं उन पर धान खरीद की जाएगी। यदि कोई क्रय केन्द्र बंद मिला तो कठोर कार्रवाई होगी।