बाबू जी और उनकी फाइलें ले रही एयरकंडीशनर का मजा, उधर मरीजों को हवा नसीब नहीं कुछ ऐसा हाल है अपने जिला अस्पताल का

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रायबरेली। सरकारें चाहे जो आएं,स्वास्थ्य,शिक्षा व सुरक्षा पर ध्यान ज्यादा देती है।लेकिन एक ऐसा विभाग है जो यदि सुधर जाए तो लोगों का कल्याण हो जाये।वह विभाग है स्वास्थ्य विभाग।

वैसे तो जनपद की स्वास्थ्य सेवाएं सुधरने वाली तो है नही।उस दिन सुधरी थी,जिस दिन सूबे के मुखिया का जनपद में आगमन हुआ था।उसके बाद तो फिर वही रूटीन।

आइये मुद्दे पर आते है।जिला अस्पताल में इस भीषण गर्मी में मरीजों को पंखे की हवा नसीब नही होती है।कूलर भी नही चलाये जाते है।पंखे कहीं चल रहे है तो बहुत धीरे गति से।।लेकिन बाबू का ऑफिस देखिए,वहां एयरकंडीशनर लगा हुआ है।फाइलें गर्मी में ठंडी का एहसास पा रही है।भाई हो क्यों न,आखिर पैसे की जिम्मेदारी व हिस्सेदारी बाबू जी की भी तो होती है।मरीज तो अस्पताल मरने के लिए ही आता है,वरना कौन बीमार होकर अस्पताल आना पसन्द करता है।

अनुज मौर्य/पवन मौर्य रिपोर्ट

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