रायबरेली। एक बार फिर आग ने किसानों की खड़ी गेहूं की फसल को निगल लिया है। आग लगने से किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है व किसानों की आंसू भरी आंखों में सिर्फ रोना दिख रहा था। चारों तरफ सिर्फ आग से जलती हुई फसल दिख रही थी। किसानों के इस नुकसान पर समय से कोई मरहम लगाने नहीं पहुंच पाया। किसानों ने कहा अगर समय से आग बुझाने वाली गाडि़यां आ जाती तो शायद इतना नुकसान नहीं होता। पर इन गरीब मजदूरों को सुनने वाला कोई नहीं है। अपने घर व ऑफिसों में बैठे विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही से किसानों की गेहूं की खड़ी 150 बीघे से ज्यादा फसल जलकर खाक हो गई है।
मामला मल एरिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत अमावां रोड फैजाबाद हाईवे रोड के पास बने पावर ग्रिड के आस पास के गाँव का है जहाँ लोगों का मानना है कि आग सॉर्ट सर्किट की वजह से लगी है। क्योंकि आग लगने की शुरुआत पावर ग्रिड के पास से हुआ है और तेज गति चल रही हवाओं के कारण आग की लपटों पर काबू पाना नामुमकिन हो गया था। लोगों द्वारा सूचना पर पहुंची पुलिस ने तुरंत ही फायर ब्रिगेड की गाडि़यों को सूचना दी गई पर शायद वह भी समय से न पहुंच सकी और आग की लपटें इतनी तेज रफ्तार में थी कि एक मिनट में 10 सियों बीघा फसल खाक करती चली जा रही थी। इन बढ़ती आग की लपटों में तीन गांव के खड़ी गेहूं के खेतों में प्रभावित हो गई है, जिसमें से ग्राम कसेहटी चकदादर, उमरा के भाव अहिर का पुरवा के आसपास के खेत जलकर खाक हो गए हैं। लोगों का मानना है कि इस अग्निकांड से करीब 150 बीघा से ज्यादा फसल जलकर राख हो गई है। फिलहाल मिलएरिया पुलिस के जवानों ने अपनी कोशिश भर आग बुझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। अंत में राजस्व विभाग के अधिकारियों ने पहुंचकर जायजा लेते हुए उनको हजार दो हजार के मुआवजे से उनकी उम्मीदों वह बहते आंसू को पहुंचने की कवायद करने लगे।
अनुज मौर्य /शिवा मौर्य रिपोर्ट