लालगंज (रायबरेली)। लालगंज कोतवाल मुकेश चौहान मानवाधिकारों का खुलेआम उल्लघंन कर रहे हैं। अन्य प्रदेश से जुड़ा मामला होने के बाद भी दो दिनों से आरोपी को बिना लिखा-पढ़ी के थाने में बिठाकर परेशान किया जा रहा है। जबकि कोतवाली क्षेत्र में इनके कार्यकाल में घटित एक दर्जन से अधिक अपराधों व चोरियों आदि की रिपोर्ट तक नहीं दर्ज हुई है।
कोतवाली में तैनात प्रभारी निरीक्षक मुकेश बाबू चौहान का अन्य जनपद के लिये तबादला हो चुका है, लेकिन उच्चाधिकारियों की कृपा से उन्हें लगभग दो माह से रिलीव नहीं किया जा रहा है। जिसका फायदा उठाने में उनके साथ समूचा स्टाफ लूट-खसोट में जुटा हुआ है। ताजा मामला पूरे ओरी गांव से जुड़ा है जिसमें आरोपी मन्नी पर मुंबई से गायब एक बालिग विवाहिता को भागने में मदद करने का आरोप है। आरोपी व युवती आपस में चचेरी बहन बताई गई है। युवती की मां की शिकायत पर कोतवाल ने आरोपी मन्नी को दो दिनों से थाने में बैठाये है। जानकारी करने पर पूछतांछ कर छोडऩे की बात कह रहे है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि बड़े से बड़े मामलों की रिपोर्ट न दर्ज करने वाली पुलिस मुबंई में घटित घटना के आरोपी को दो दिनों से बिना किसी कागजी कार्रवाई के थाने में रखे हुए है। इस संबध में मुबंई पुलिस ने कोई भी कागजी कार्रवाई नहीं की है। पीडि़त के पिता की माने तो एक सिपाही उन पर पैसे देने के लिये दबाव बना रहा है लेकिन गरीबी के चलते वह मन माफिक मांग को पूरा नही कर पा रहा है। इससे पूर्व भी पुलिस की कार्यशैली काफी दिनों से चर्चा में है। कस्बे के आचार्य नगर निवासी पूर्व तहसीलदार की नाबालिक पौत्री के अपहरण का केस नामजद दर्ज होने के बाद भी दो माह तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। हाईप्रोफाइल मामला होने के बाद भी पुलिस ने जब कार्रवाई नहीं की तो मामला हाईकोर्ट पहुंचा जहां न्यायधीश ने पुलिस अधीक्षक को तलब कर बालिका को बरामद करने का आदेश दिया। जिसके बाद पुलिस ने 24 घंटे में बालिका को बरामद कर कोर्ट के समथ पेश कर दिया। शाहपुर गांव निवासी धर्मराज कुशवाहा की दो माह पूर्व ग्राम प्रधान राजू के घर में सम्पन्न वैवाहिक समारोह से गायब बाइक की आज तक रिपोर्ट नहीं दर्ज हो सकी है। जबकि पीडि़त थाने के दर्जनों बार चक्कर लगा चुका है। दो वर्ष पूर्व कस्बे के चमनगंज से गायब नाबालिक दलित बालिका के नामजद आरोपी खुलेआम घूम रहे है। जबकि उसके वृद्ध माता पिता पुलिस की चौखट पर जाते जाते थक चुके है लेकिन पुलिस उसकी पुत्री का आज तक पता नही लगा सकी है। ऐसे ही दर्जनों मामले लड़कियों के अपहरण के हो चुके हैं जिनमें कुछ तो दर्ज है अधिकांश मामले दर्ज ही नहीं किये गये। ऐसे मामले पुलिस के लिये कमाई का जरिया बन रहे हैं। वर्तमान में कोतवाली में पूरी तरह से कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है तथा भ्रष्टाचार का बोलबाला है। दिन भर दलालों के बीच पुलिस बल घिरा रहता है जबकि फरियादी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। यही मूल कारण है कि अपराधों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।