रायबरेली। ऑल इण्डिया स्टूडेण्ट एसोसिएशन (आइसा) व इंकलाबी नौजवान सभा (इनौस) के राष्ट्रीय अभियान जुमला नहीं जवाब दो पांच साल का हिसाब दो तहत शहर के निजी संस्थान में कार्यकर्ता कन्वेनशन आयोजित किया। इस कन्वेनशन में जिले के सौकड़ों आइसा कार्यकर्ता शामिल हुए।
मुख्य वक्ता भाकपा (माले) के वरिष्ठ नेता कामरेड विजय विद्रोही ने कहा कि मोदी सरकार तमाम सारी सरकारी नौकरियों के सवालों को दर किनार करके उन्हें कारपोरेट कंपनियों के लिए सस्ते मजदूर के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है। देश में पहली बार शिक्षा बजट में कटौती करके कुल जीडीपी का मात्र 3.8 फिसदी शिक्षा में दिया गया है। उच्च शिक्षा में यूजीसी को खत्म कर नई व्यवस्था के तहत अब विश्वविद्यालयों को लोन दिया जाएगा। वर्ष 2017-2019 में सरकारी नौकरियों में 89 फीसदी तक कमी आई है। सरकार एक-एक कर सभी संवैधानिक संस्थाओं को समाप्त कर रही है। आइसा नेता टीपू सुल्तान ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा कही गई दो करोड़ रोजगार की बात महज जुमला साबित हुई। मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान इन पांच सालों में रोजगार देने के बजाय मोदी सरकार उन पर लाठियां बरसाने पर लगी है। आज कई प्रतियोगी परीक्षाएं में भारी धांधली हो रही है। इस कन्वेनशन मे अहमद सिद्दीकी, सुरजीत कुमार, अक्षय कुमार, सुरेन्द्र, उदय चौधरी, मोहसिन खान, अनम आदि छात्र व सैकड़ों की संख्या में युवा शामिल हुए।