एक ऐसा गांव जहाँ आज भी लोग नाव से करते है गाँव को पार

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सलोन (रायबरेली) -सलोन विकास क्षेत्र में एक गांव ऐसा है जहां बेटियों की शादी के बाद विदाई बाबुल के घर से नही बल्कि तीन सौ मीटर दूर गांव से बाद कि जाती है।यही नही अगर किसी मरीज या फिर गर्भवती महिलाओं को एम्बुलेंस की सुविधा की जरूरत पड़ती है तो उन्हें भी गांव से तीन सौ मीटर दूर जाना पड़ता है।खबर पढ़कर हैरान जरूर होंगे लेकिन यह कटु सत्य है,कि एक दशक पूर्व बारिश के कारण टूटकर बहे पुल को बनवाने के लिए कोई जिम्मेदार नही खड़ा हुआ है।ग्रामीण जान जोखिम में डालकर मटका ड्रेन नाले को को वर्षो से पार कर अपनी सुख सुविधाओं की पूर्तिकर रहे है।लेकिन बारह सौ आबादी वाला यह गांव पक्की सडक़ और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं से कोसो दूर है।वही ग्रामीणों की उम्मीद अब भारत सरकार की कपड़ा मंत्री स्मृति से जुड़ी है।सलोन विकास क्षेत्र के ग्राम सभा खमरिया पूरे कुशल के ककरहा गांव में लगभग पंद्रह वर्ष पूर्व मटका ड्रेन नाले के ऊपर एक पुल बना हुआ था।जिससे होकर ग्राम वासी गुजरते थे।लेकिन भारी बारिश वा बाढ़ के कारण पुल पानी मे बह गया।जिससे ग्रामीणों का एक स्थान से दूसरे स्थान जाने का सम्पर्क कट गया।स्थानीय ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों के दरवाजे परिक्रमा करते हुए पुनः पुल निर्माण कराये जाने की अर्जी लगाई जरूर लेकिन उनकी व्यथा को सुनकर अनसुना कर दिया गया।जिसके बाद गांव के लोगो ने अपने खर्च से दो बिजली के खंभे और पीपा रखकर किसी तरह आवागमन बनाया हुआ है।

लेकिन आने जाने का रास्ता ना होने कारण मजबूर लोगो तक जरूरी सुविधा नही पहुँच पाती है।बच्चो को स्कूल जाने के लिए नाले से हिल कर गुजरना पड़ता है।गांव के लोगो की माने तो चार वर्ष पूर्व एक घर मे आग लगी।फायर टीम रास्ता नस होने की वजह से जैसे तैसे पहुँची लेकिन तबतक सब कुछ जलकर राख हो चुका था।क्षेत्र पंचायत सदस्य उदय भान, संजय, चंद्र मणि शनि यादव ,जग मोहन यादव,पारस नाथ,अमर जीत,रणजीत,अमित आदि लोगो मे अमेठी सांसद स्मृति ईरानी से पुल निर्माण कराये जाने की गुहार लगाई है।

अनुज मौर्य/प्रदीप गुप्ता रिपोर्ट

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