उत्पीडि़तों को न्याय दिलाना प्रमुख उद्देश्य : डीएम
रायबरेली। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कलेक्ट्रेट अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1995 कि नियम-17 के अन्तर्गत इस वर्ग के उत्पीड़न योजनान्तर्गत तत्काल सहायता प्रदान किये जाने व आने वाली कठिनाईयों व उसके निवारण के लिए आयोजित बैठक में अधिकारियों से कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार व शासन अनुसूचित जाति एवं जनजाति के प्रति पूरी तरह से संवेदनशील व उनकी समस्याओं के प्रति गम्भीर है। प्रदेश सरकार द्वारा मिलने वाली कल्याणकारी योजनाओं का लाभ इस वर्ग को अवश्य मिलें। एससी/एसटी के उत्पीड़न का कही कोई प्रकरण आए तो उस पर तत्काल कार्यवाही हो। कोई किसी भी प्रकार की ढि़लाई न बरती जाए और न ही किसी के दबाव मे काम किया जाए। बैठक में बलात्कार से पीडि़त महिलाओं के चिकित्सा परीक्षण आख्या स्पष्ट न होने की दशा में सहायता राशि के भुगतान, धारा 307 प्रकरण जिन पर चिकित्सा परीक्षण की पुष्टि पर सहायता प्रदान की जाती है विचार विमर्श किया गया तथा निर्देश दिये गये कि सहायता राशि के भुगतान में यदि विलम्ब होता है तो अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी। क्षति में प्रतिशतता के अनुसार सहायता राशि अनुमन्यता होती है जिसे दिया जाना जरूरी है।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने निर्देश दिये कि ऐसे प्रकरण जो विवेचना अधिकारी स्तर पर लम्बित हैं जिन्हें शीघ्र विवेचना कर अनुदान हेतु नियामानुसार प्रेषित किया जाये। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति एक्ट के अन्तर्गत दर्ज थानावार मामलों की संख्या का निस्तारण तत्काल किया जाये। हत्या और बलात्कार से पीडि़तों को सहायता राशि के अतिरिक्त अन्य अनुतोष प्रदान किये जाने का भी विचार विमर्श किया गया तथा जिला समाज कल्याण अधिकारी व प्रोबेशन अधिकारी को निर्देश दिये गये कि तत्काल इस प्रकार के मामलों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से किया जाये। बैठक में अत्याचारों से उत्पीडि़त अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्तियों की सहायता एवं पुर्नवासन के दरों में वृद्धि, राहत की न्यूनतम धनराशि आदि सहित कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि प्रशासन और शासन की मनशा के अनुरूप अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम के तहत तत्काल सहायता राशि मिले तथा अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग का किसी भी दशा में उत्पीड़न न किया जाये।
पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह व मुख्य चिकित्साधिकारी डी0के0 सिंह ने सम्बन्धित लम्बित प्रकरणों/विवादों में जिस स्तर पर प्रकरण लम्बित है उसका निस्तारण तत्काल किया जायेगा। इसके अलावा महिला चिकित्साधिकारी डा0 रेनू वर्मा व डा0 रेनू चौधरी ने भी अपनी बात कही। इस मौके पर सयुक्त निदेशक जे0डी0 अभियोजन बी0के0 मिश्रा, एडी सूचना प्रमोद कुमार, समाज कल्याण अधिकारी व प्रोबेशन अधिकारी सहित कई प्रभारी थाना अधिकारी उपस्थित थे।