डीएम ने यातायात के नियमों का कड़ाई से अनुपालन कराने के दिये निर्देश

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निजी यान स्वामी अपने वाहनों का पंजीयन का नवीनीकरण समय से करा ले : नेहा शर्मा

रायबरेली। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने निर्देश दिये है कि जनपद में यातायात के नियमों का कड़ाई से अनुपालन कराये। परिवहन विभाग व शासन द्वारा जारी वाहन चालको के लिए जारी दिशा निर्देशों को जागरूकता कार्यक्रम, पम्पलेट वितरण, आदि कार्यक्रमों के माध्यम से उनकी जानकारी को अद्यतन कराने का कार्यक्रम जारी रखें। इसके अलावा ऐसे निजी यान (दो पहिया/चार पहिया-गैर परिवहन यान) के स्वामी जिनके यान पंजीयन की तिथि से 15 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हो और यान के पंजीयन का नवीनीकरण नही कराया गया है उन्हें अवगत कराकर 30 दिनों के अन्तर्गत अपने यान के पंजीयन का नवीनीकरण निर्धारित प्रक्रियानुसार करायें। यदि यान का अस्तित्व समाप्त हो चुका है या स्थायी रूप से उपयोग के अयोग्य हो गया है, तो पंजीयन अतिधकारी के यहाँ आवेदन प्रस्तुत कर अपने यान का पंजीयन का नियमानुसार निरस्तीकरण करा लें। यदि यान के पजीयन की वैधता समाप्त हो गयी है, तो केन्द्रीय मोटरयान नियमावली, 1989 के नियम-52 के अन्तर्गत विधिक रूप से पंजीकृत नही माना जा सकता है और इनका सार्वजनिक स्थान पर संचालन विधिमान्य नही है। ऐसी दशा में यह मानने का पर्याप्त कारण है कि उक्त अधिनियम की धारा-53 की उप-धारा (1) के अन्तर्गत यान का सार्वजनिक जनता के लिए खतरा पैदा करेगा और यान, मोटरयान अधिनियम तथा तत्संबधी नियमावली के प्राविधानो की आपेक्षाओ को पूर्ण नही करता है।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि सार्वजनिक नोटिस के 60 दिनो के अन्तर्गत उपरोक्तानुसार कार्यवाही संबन्धित यान के स्वामी द्वारा नही करायी जाती तो यह माना जायेगा कि संबन्धित यान का स्वामी यान के आगे संचालन हेतु इच्छुक नही है और उक्त अधिनियम की धारा-53 की उप धारा (1) के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पंजीयन को निलम्बित करने पर विचार किया जायेगा और निलम्बन यदि बिना किसी अवरोध के न्यूनतम 06 माह तक बना रहता है तो उक्त अधिनियम की धारा-54 के अन्तर्गत पंजीयन निरस्त कर दिया जायेगा। यदि उपरोक्त प्रकार के किसी यान का स्वामी उपरोक्त सार्वजनिक सूचना के संबध में अपना प्रत्यावेदन, यदि प्रस्तुत करना चाहे तो 60 दिनों के अन्तर्गत पंजीयन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर सकता है। यदि उपरोक्त निर्धारित समयान्तर्गत कोई प्रत्यावेदन किसी के सम्बन्ध में प्राप्त नही होता है, तो नियमानुसार संबन्धित यान-स्वामियों के यान के पंजीयन को उपरोक्तानुसार निलंबित कर दिया जायेगा, जिसका उत्तरदायित्व यान के स्वामी का होगा।

एआरटीओ राघवेन्द्र सिंह द्वारा बताया गया कि भारत सरकार के भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना में की गई व्यवस्था के क्रम में चालक को छोडकर 06 सीट से अधिक समस्त वाहनों को परिवहन यान माना जायेगा और इसी के दृष्टिगत इन्हें ’’फिटनेस रिजीम’’ में सम्मिलित किया गया है। दूसरे शब्दों में चालक को छोडकर 06 सीट से अधिक परन्तु 09 सीट तक को भी प्रत्येक वाहन का फिटनेस कराना अनिवार्य हो गया है चाहे सम्बन्धित वाहन निजी वाहन के रूप में ही क्यों न पंजीकृत की जा रही हो या की गई हो। ऐसे समस्त वाहन स्वामी जो उक्त प्रकार की वाहनों का फिटनेस समय से नहीं करा रहे हैं अपनी वाहनों का नियमानुसार फिटनेस कराना सुनिश्चित करें। सम्बन्धित वाहन स्वामियों से अपील है कि बिना स्वस्थता प्रमाण पत्र के संचालित पाये जाने पर ऐसी वाहनों के विरूद्ध मोटरयान अधिनियम, 1988 के अंतर्गत निरूद्ध भी किया जा सकता है। अतः असुविधा से बचने के लिए सभी संबंधित से अपील है कि शीघ्र उक्तानुसार कार्यवाही करें जिससे संचालन में असुविधा न हों। वाहन स्वामी अधिक जानकारी के लिए सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) के कार्यालय से प्राप्त कर सकते है तथा अन्य जानकारी भी ले सकते है।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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