प्रमुख सचिव ने बालिका सुरक्षा एवं महिला जागरूकता कार्यक्रम का किया शुभारम्भ

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बालिकाएं, महिलाए अपने अधिकारों को समझें, जागरूकता बहुत जरूरी : प्रमुख सचिव

रायबरेली। बालिका सुरक्षा एवं महिला जागरूकता कार्यक्रम का शुभारम्भ जनपद की नोडल अधिकारी/प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के सभाकक्ष में दीप प्रज्ज्वलित करे कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। प्रमुख सचिव ने बालिका सुरक्षा जागरूकता हेतु प्रदेश सरकार द्वारा अनेक कानून योजनाए सुविधाए प्रदान की गई आदि की जानकारी जहां दी गई वही महिलाए/बालिकाए को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को भली-भांति जानकारी होनी चाहिए ताकि उनको योजनाओं से लाभान्वित के लिए किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना न कराना पड़े। महिला हेल्पलाइन 181, वीमेन पावर हेल्पलाइन 1090, 1098 डायल 100, वन स्टाप सेन्टर, बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं, 112 एमेरजन्सी, कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 आदि योजना/कार्यक्रम महिलाए/बालिकाओं के लिए लाभप्रद आदि को भी विस्तार से बताया गया। बलिकाओं को बताया कि डरे नही सहे नही का संदेश दिया गया साथ ही बालिकाएं सशक्त व निडर बने।

प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला व जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने जनपद की कई विद्यालयों से आई छात्राओं से उनकी समस्याओं के बारे में जाना तथा सेनेट्री पैड व आयरन टेबलेट वितरण आदि के बारे में विस्तार से चर्चा। जिस पर कई छात्राओं/बालिकाओं ने सेनेट्री पैड व आयरन टेबलेट प्राप्त नही होता है जिस प्रमुख सचिव ने सम्बन्धित विद्यालयों के प्रधानाचार्यो को निर्देश दिये कि वितरण को सुनिश्चित कराये। प्रमुख सचिव ने कन्या सुमंगला योजनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना के कार्यान्वयन के सम्बन्ध में समस्त उपजिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, एवं समस्त खण्ड विकास अधिकारियां को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। योजना के अनिवार्य पात्रता के लिए लाभार्थी का परिवार उत्तर प्रदेश का पूर्ण निवासी हो, लाभार्थी की पारिवारिक आय अधिकतम रू0- 3 लाख हो, परिवार की अधिकतम 02 बालिकाओं को योजनाओं का लाभ मिल सकेगा, लाभार्थी के परिवार में अधिकतम 02 बच्चें हो, यदि किसी महिला को पहले प्रसव से बालिका है व द्वितीय प्रसव से 2 जुड़वा बालिकायें ही होती है, केवल ऐसी अवस्था में ही तीनों बालिकाओं को लाभ मिल सकेगा। यदि किसी ने अनाथ बालिका को गोद लिया है तो उसकी जैविक संतान तथा गोद ली गयी संतान को सम्मिलित करते हुए अधिकतम 02 बालिकाओं को लाभ मिल सकेगा। अभिलेख में बैंक पासबुक, आधार कार्ड की छायाप्रति परिवार की वार्षिक आय के सम्बन्ध में स्व0-सत्यापन, बालिका की फोटो, आवेदक व बालिका का नवीनतम संयुक्त फोटो अभिलेख आवेदन हेतु आवश्य हो। लाभार्थी को धनराशि का श्रेणीवार वितरण प्रथम श्रेणी- बालिका के जन्म होने के उपरांत रू0 2000 एक मुश्त, द्वितीय श्रेणी- बालिका के एक वर्ष तक के पूर्ण टीकाकरण के उपरांत रू0 1000 एक मुश्त, तृतीय श्रेणी- कक्षा प्रथम में बालिका के प्रवेश के उपरांत रू0 2000 एक मुश्त, चतुर्थ श्रेणी- कक्षा नौ में बालिका के प्रवेश के उपरांत रू0 3000 एक मुश्त एवं षष्टम श्रेणी- स्नातक अथवा 02 वर्षीय अवधि के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश के उपरांत रू0 5000 एक मुश्त। प्रथम श्रेणी के अंतर्गत नवजात बालिका जिसका जन्म 01.04.2019 या उसके पश्चात हुआ है।

प्रमुख सचिव ने आयोजित बालिका सुरक्षा एवं महिला जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिलाए/ बालिकाओं को सम्बोधित किया गया था जिसमें कहा गया कि शिक्षित होने के साथ ही सशक्त बने। पुलिसकर्मी महिलाओं, अभिभावकों को क्या करना है और क्या नही करना है इसकी विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। महिला कल्याण द्वारा चलाई जा रही महिला जागरूकता योजनाओं को दूरदराज के क्षेत्रों में बताया जाये तथा जागरूकता के माध्यम से महिलाओं व लडि़यों की सुरक्षा को अधिक मजबूत व सुरक्षित आदि पर जोर दिया गया। अराजक असामाजिक तत्वों शोहदों आदि पर कड़ी नजर रखी जाये कही उनका जमाव बाढ़ा जहां पर महिलाए, बालिकाए, स्कूल, कालेज, कोचिंग सेन्टर, मॉल, पार्क आदि पर कड़ी नजर रखकर शोहदों के विरूद्ध विधिक कार्यवाही की जाये तथा प्रथम चरण में उनके सुधारे का मौका दिया जाये। छात्राए व महिलाए किस तरह से बचाव करें इसकी भी जानकारी जुडो की छात्राओं द्वारा दी गई। जिसकी प्रमुख सचिव व जिलाधिकारी द्वारा प्रशसा की गई। कार्यक्रम आयोजको द्वारा प्रमुख सचिव व जिलाधिकारी को स्मृति चिन्ह दिया गया। जिस पर प्रमुख सचिव ने एक छोटी छात्रा को अपना स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित तथा उसके साथ ही सभी छात्राओं को मेहनत व लगन से पढने को कहा साथ कन्या सुमंगला योजना ऑन लाइन आवेदन करे तथा अन्य पात्र परिवारों को कराये एवं जागरूक होकर सशक्त बने।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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