भाई चारे का मिशाल बना ईद मिलादुन नवी टिकरा वाली मस्जिद का लंगर

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अमेठी

बहादुरपुर मौजमगंज ईद मिलादुन नवी के पर्व पर हर वर्ष की भॉति इस वर्ष भी सरकार के गाइड लाइन को देखते हुये,पर्दा वाले बाबा के अहम नेतृत्व मे लगंड का बेहतर प्रोग्राम किया गया।बताते चले की जायस के अन्तर्गत बहादुरपुर से रायबरेली रोड स्थित मौजमगज बाजार समीप अति प्रसिद्ध टिकरा वाली मस्जिद कब्रस्तान से जाना जाता है। जिसपर हर जुमेरात को लगड का कार्यक्रम होता है। जिसमे आसपास की गरीब से लेकर अमीर छोटे बजे बच्चो को खाना खिलाया जाता। कार्यक्रम की देख भाल स्वयं बाबा ही करते है। कोई भी व्यक्ति चौखट से भूखा न जाने पाये यही पर्दा वाले बाबा की प्रेऱणा है।तन मन धन से मस्जिद की देखभाल करने वाले हजरत पर्दा वाले बाबा के नाम से जाने जाते है।गंगा जमुनी तहजीब भाईचारा का मिशाल पैदा करने वाले बाबा अमन चैन व मुल्क की हिफाजत के लिये हर जुमेरात को यथाशक्ति लगंड का प्रोग्राम करते चले आ रहे। जिसमे हिन्दू मुस्लिम दोनो समुदाय के लोग लंगर मे शामिल होकर भोजन करते देखा जा सकता है। गरीबो के मसीहा के रूप मे जनता की सेवा करना अपना सौभाग्य समझते है। पर्दा वाले बाबा। बाबा मीडिया कर्मी से रूबरू होते हुये कहा की सब ऊपर वाले की महिमा है हम क्या कर सकते है जो हमे आदेश मिला वही कर रहे है हम किसी को भोजन नही करा सकते है। ये तो ऊपर वाला ही जाने,जो भोजन लंगर मे खाते है। उनका ही अंश है। इसलिये हर जुमेरात को हम लंगर का कार्यक्रम रखते है। ये मेरा सौभाग्य है । बाबा की चौखट पर हर व्यक्ति अपनी मुराद लेकर आता है। दिल से मानने वाले हर व्यक्ति की मुराद पूर्ण होती है। हम आप दिन्दू मुस्लिम की बात करते है।वहा राम रहीम सब एक है। जब तक अल्लाह का आदेश रहेगा हम कार्यक्रम करते रहेगे गरीब की सेवा ही हमारा परम कर्तव्य है।लंगर कार्यक्रम मे मुख्य रूप से सहयोगी के रूप मे सफीर अहमद (खान) पूरे तहव्वर मोहम्मद अनीस मौजमगज, रियाज अहमद पूरे शुक्ल बब्लू पूरे शुक्ल वसीम कुरैशी मौजमगज मुस्तकीम कुरैशी प्रकाश, रााजू, रामअवतार संगीर आदि लोग मौजूद रहे। सभी लोगो ने लगड मे बढचढ कर हिस्सा भी लिया।

शैलश नीलू रिपोर्ट

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