मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘Make in India’ का तोहफा भारतीय रेलवे को मिलने वाला है. इस महीने पीएम मोदी मेक इन इंडिया के तहत पूरी हुई तीन परियोजनाओं की लांचिंग करेंगे.
मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘Make in India’ का तोहफा भारतीय रेलवे को मिलने वाला है. इस महीने PM Modi मेक इन इंडिया के तहत पूरी हुई तीन परियोजनाओं की लांचिंग करेंगे. इसकी लांचिंग से पहले ही कई जोनल रेलवे नेटवर्क को अपनी बड़ी उपलब्धियों पर एक महीने के भीतर ही रिपोर्ट तैयार करने के लिए भी कह दिया गया है जिसे सिस्टमैटिक मैनर से पेश किया जाएगा. पीएम मोदी जिन प्रोजेक्ट की लांचिंग करेंगे, उसमें एक भारत की सबसे तेज चलने वाली इंजनरहित ट्रेन, दुनिया की पहली कंवर्टेड लोकोमोटिव और धनुषकोडि व रामेश्वरम को जोड़ने वाली रेलवे लाइन शामिल है.
1. वंदे भारत एक्सप्रेस या ट्रेन 18
पीएम मोदी 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से ट्रेन 18 को हरी झंडी दिखाएंगे. इसे वंदे भारत एक्सप्रेस नाम भी दिया गया है. इस ट्रेन को चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) ने महज 18 महीने में ही तैयार किया गया है. यह देश की पहली इंजनरहित ट्रेन है और अपने पहले सफर पर यह नई दिल्ली से वाराणसी जाएगी. इसके अलावा यह देश की सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन है. यह ट्रेन 180 किमी प्रति घंटे का रफ्तार से दौड़ेगी. अनुमान लगाया जा रहा है कि यह ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस को रिप्लेस करेगी. वंदे भारत एक्सप्रेस में 14 चेयर कार कोच और 2 एक्जेक्यूटिव क्लास चेयर कार कोच होंगे. ट्रेन में वाई-फाई, जीपीएस, सीसीटीवी कैमरा, बॉयो-वैक्यूम टॉयलेट और रोटेटिंग चेयर जैसी सुविधाएं होंगी.
2. कन्वर्टेड लोकोमोटिव
पीएम मोदी 19 फरवरी को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से भारतीय रेलवे की पहली कंवर्टेड लोकोमोटिव को हरी झंडी दिखाएंगे. यह दुनिया में पहली बार होगा जब किसी डीजल लोकोमोटिव को इलेक्ट्रिक में बदला जाएगा. इस कंवर्जन के जरिए लोकोमोटिव की क्षमता 2600 हॉर्सपॉवर से बढ़कर 5000 हॉर्सपॉवर हो गई है. यह कंवर्जन भी डीजल लोकोमोटिव वर्क्स (DLW) ने रिकॉर्ड 69 दिनों में ही पूरा कर दिया.
3. तमिलनाडु में रामेश्वरम और धनुषकोडि को जोड़ने वाली रेलवे लाइन
महीने की 27 तारीख को पीएम मोदी रामेश्वरम और धनुषकोडि को जोड़ने वाली नई ब्रॉड गेज रेलवे लाइन की नींव रखेंगे. तमिलनाडु में स्थित यह रेलवे लाइन 17 किमी लंबी होगी. धनुषकोडि रामसेतु का स्टार्टिंग पॉइंट है. यहां पर पहले भी रेलवे लाइन थी लेकिन यह 1964 में साइक्लोन के कारण नष्ट हो गई थी. इस साइक्लोन में सैकड़ों लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी थी. साइक्लोन के कारण ट्रेन भी बह गई थी जिसके कारण मृतकों का आंकड़ा बढ़ गया था. दो तीर्थ स्थलों को जोड़ने वाले इस रेलवे लाइन पर करीब 208 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है.