किसानों की गले की फांस बन रहा धान15 किलोमीटर दूर डलमऊ जाना पडता धान लेकरलालगंज रायबरेली- साधन सहकारी समिति ऐहार धान खरीद केंद्र ना बनने से बिचौलियों के हाथ बेचने को मजबूर किसान आपको बता दें कि डलमऊ तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम सभा ऐहार में धान खरीद केंद्र ना बनने से किसानों को अपनी फसल को लेकर 15 किलोमीटर दूर डलमऊ जाना पड़ता है। जहां पर किसानों को धान में नमी बता कर उन्हें बैरंग वापस होना पड़ता है। जिस पर मजबूरन किसानों को अपनी फसल को औने पौने दामों पर बिचौलियों के हाथ बेचने को मजबूर होना पड़ता है। जबकि सरकार द्वारा किसानों को यह कहा जाता कि उनकी फसल की आय दुगनी की जाएगी धान की फसल पैदा करने के बाद उसकी धान की उपाधि किसानों के गले की फांस बन जाती है। सरकार तथा उसकी धान खरीद की घटिया व्यवस्था से बिचौलियों को धान देना पडता जबकि क्षेत्र में साधन सहकारी समिति ऐहार उमरामऊ भीरा गोविंदपुर तथा लोदीपुर उतरावा में पूर्व सहकारी खरीद खोला गया इस बार करीब 15 किलोमीटर दूर डलमऊ धान क्रय केंद्रों पर किसानों को अपनी उपज ले जाना पड़ रहा है किराए पर साधन ट्रैक्टर ट्राली को लेकर किसान जाते हैं।जहां पर धान में नमी बताकर उन्हें वापस लौटा दिया जाता बिक्री नहीं हुई किराया देना पड़ता क्षेत्रीय किसान राज किशोर सिंह बघेल राम शरण सिंह मुकुट सिंह केशव यादव कृष्ण कुमार रामदेव तिवारी गोविंद अवस्थी अतुल मिश्रा संजीव शुक्ला सदन त्रिवेदी मोनू मिश्रा रामचरन यादव रामकृष्ण लल्ला यादव उमाकांत दुबे ने बताया कि नमी बता कर लौटा दिया धान में नमी सुखाकर लाएं किसान को किसी न किसी बहाने धान क्रय केंद्र डलमऊ से वापस किया जाता जो मजबूर होकर औने पौने दाम पर बिचौलियों के हाथों अपनी उपज को देखकर सरकारी व्यवस्था को कोस रहे कौन-कौन समस्या बताएं साधन सहकारी समितियों से डीएपी गायब है गेहूं की बुवाई करीब है सेठ साहूकारों के यहां डीएपी डंपर लेकिन दाम ज्यादा है। सरकार की व्यवस्था में किसानों का शोषण या दोहन ज्यादा है ऐसे में किसानों की आय दुगनी होने पर सरकार का सपना साकार नहीं हो पाएगा किसानों को समय से खाद व बीज उपलब्ध नहीं हो पाता बाहर से ही खरीद कर बुवाई करनी पड़ती है।अनुज मौर्य/सन्दीप फ़िज़ा रिपोर्ट