जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव द्वारा महिलाओं के विधिक अधिकार एवं पीसीपीएनडीटी एक्ट पर जागरूकता शिविर का किया आयोजन
रायबरेली
उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा मा0 जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली अब्दुल शाहिद के दिशा-निर्देशन में जनपद के जिला कारागार में महिलाओं के विधिक अधिकार एवं पीसीपीएनडीटी एक्ट (गर्भ धारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक-विनियमन तथा दुरुपयोग अधिनियम) विषय पर जिला कारागार में जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया।
कोरोना महामारी के समय सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। कोविड-19 से बचाव मास्क का प्रयोग दो गज की दूरी का अनुपालन करने हेतु जागरुक किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मयंक जायसवाल सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली द्वारा की गयी। सचिव द्वारा शिविर में उपस्थित महिलाओं को सम्बोधित करते हुए बताया कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक होना चाहिए जिसके लिए शिक्षा बहुत जरुरी है। समाज में महिलाएं आज भी अशिक्षा के कारण बहुत पिछड़ी है इसलिए बेटियों को पढ़ाने की अत्यधिक जरुरत है। शिविर में जेल प्रशासन द्वारा स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से आयोजित किये जा रहे स्वालबंन कार्यक्रमों की सराहना करते हुए महिला बन्दियों को प्रोत्साहित किया गया कि वह अधिक से अधिक संख्या में उक्त कार्यक्रम का लाभ उठाये और नई-नई प्रतिभाये सीखने व उन प्रतिभाओं में पारगंत बनते हुए अपनी अजीविका का स्त्रोत बनाये। जेल प्रशासन द्वारा मोमबत्ताी प्रशिक्षण व सिलाई हेतु कार्यक्रम चलाने का प्रयास किया जा रहा है जिसमें महिला बन्दी का सहयोग आवश्यक रुप से होना चाहिए। उपकारापाल वन्दना गौतम द्वारा अवगत कराया गया कि यदि महिला बन्दी अपनी रुचि दिखाती है तो जेल में और भी तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरु किये जा सकते है। सचिव द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट (गर्भ धारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक-विनियमन तथा दुरुपयोग अधिनियम) व मुखबिर योजना के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी। उ0प्र0 सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गयी। समाज में जहाँ महिलाओं का सम्मान नहीं होता है वह समाज जीने लायक नहीं है। इसलिए महिलाओं का सम्मान सर्वापरि है। जागरुकता शिविर में प्रभारी कारापाल अनिल कुमार विश्वकर्मा तथा उपकारापाल वन्दना गौतम एवं कुंवर वीरेन्द्र विक्रम सिंह के साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली की रिसोर्स पर्सन महिला अधिवक्ता ममता शर्मा, पराविधिक स्वयं सेवक पवन कुमार श्रीवास्तव एवं महिला पराविधिक स्वयं सेवक राजदेवी उपस्थित रही।
उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा मा0 जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली अब्दुल शाहिद के दिशा-निर्देशन में जनपद के जिला कारागार में महिलाओं के विधिक अधिकार एवं पीसीपीएनडीटी एक्ट (गर्भ धारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक-विनियमन तथा दुरुपयोग अधिनियम) विषय पर जिला कारागार में जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया।
कोरोना महामारी के समय सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। कोविड-19 से बचाव मास्क का प्रयोग दो गज की दूरी का अनुपालन करने हेतु जागरुक किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मयंक जायसवाल सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली द्वारा की गयी। सचिव द्वारा शिविर में उपस्थित महिलाओं को सम्बोधित करते हुए बताया कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक होना चाहिए जिसके लिए शिक्षा बहुत जरुरी है। समाज में महिलाएं आज भी अशिक्षा के कारण बहुत पिछड़ी है इसलिए बेटियों को पढ़ाने की अत्यधिक जरुरत है। शिविर में जेल प्रशासन द्वारा स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से आयोजित किये जा रहे स्वालबंन कार्यक्रमों की सराहना करते हुए महिला बन्दियों को प्रोत्साहित किया गया कि वह अधिक से अधिक संख्या में उक्त कार्यक्रम का लाभ उठाये और नई-नई प्रतिभाये सीखने व उन प्रतिभाओं में पारगंत बनते हुए अपनी अजीविका का स्त्रोत बनाये। जेल प्रशासन द्वारा मोमबत्ताी प्रशिक्षण व सिलाई हेतु कार्यक्रम चलाने का प्रयास किया जा रहा है जिसमें महिला बन्दी का सहयोग आवश्यक रुप से होना चाहिए। उपकारापाल वन्दना गौतम द्वारा अवगत कराया गया कि यदि महिला बन्दी अपनी रुचि दिखाती है तो जेल में और भी तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरु किये जा सकते है। सचिव द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट (गर्भ धारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक-विनियमन तथा दुरुपयोग अधिनियम) व मुखबिर योजना के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी। उ0प्र0 सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गयी। समाज में जहाँ महिलाओं का सम्मान नहीं होता है वह समाज जीने लायक नहीं है। इसलिए महिलाओं का सम्मान सर्वापरि है। जागरुकता शिविर में प्रभारी कारापाल अनिल कुमार विश्वकर्मा तथा उपकारापाल वन्दना गौतम एवं कुंवर वीरेन्द्र विक्रम सिंह के साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली की रिसोर्स पर्सन महिला अधिवक्ता ममता शर्मा, पराविधिक स्वयं सेवक पवन कुमार श्रीवास्तव एवं महिला पराविधिक स्वयं सेवक राजदेवी उपस्थित रही।
अनुज मौर्य रिपोर्ट