अयोध्या-अयोध्या जनपद के तारुन थाना क्षेत्र के रामपुर भगन चौकी अंतर्गत शिवरामपुर ग्राम पंचायत के राजस्व गांव खौपुर निवासी पत्रकार मनोज तिवारी को गांव के ही एक दबंग युवक द्वारा जान से मारने की नियत से किए गए हमले के मामले में तारुन थाना पुलिस मामला पंजीकृत करने से कतरा रही है ज्ञातव्य हो कि 29 अगस्त को सुबह करीब 8:30 बजे धारदार हथियार से मारकर हत्या करने की कोशिश की गई थी जिस पर दौड़े ग्रामीणों ने युवक को पकड़ लिया तब कहीं जाकर पत्रकार की जान बची ज्ञातव्य हो कि गांव के सार्वजनिक मार्ग को गांव निवासी राम शंकर तिवारी उर्फ राम प्रिया शरण तिवारी ने परिक्रमा मार्ग को जबरन अवरुद्ध कर मार्ग बंद कर दिया था तथा बरसात के समय में आने जाने में ग्रामीणों को मशक्कत करने के बाद काफी मुश्किलों से मार्ग से गुजरना पड़ता था जिसकी सफाई करने के लिए ग्रामीण ने गए थे जिसमें पत्रकार मनोज तिवारी भी मौजूद थे किंतु पत्रकार को देखते ही विपक्षी राम प्रिया शरण तिवारी आग बबूला हो गया गड़ासा लेकर मारने दौड़ा इतने में ग्रामीणों ने उसको पकड़ लिया तब कहीं जाकर पत्रकार की जान बची ग्रामीणों ने मिलकर रास्ते को साफ कर दिया किंतु पुन: उक्त दबंग व्यक्ति ने खूंटा गाड़ कर तार बांध दिया जिससे पुन ग्रामीणों का रास्ता अवरुद्ध बना हुआ है इसके पूर्व 2010 में पत्रकार ने मार्ग की पैमाइश करवा कर प्रधान द्वारा पुताई का कार्य करवाकर तथा खड़ंजा निर्माण कराकर सुचारू रूप से आवागमन संचालित करा दिया था किंतु झाड़ झंकार के उग जाने से ग्रामीणों ने जब उसकी सफाई करनी चाही तो विपक्षी जबरन ग्रामीणों से गाली गलौज करने लगा तथा फौजदारी पर आमादा हो गया तथा पत्रकार को गड़ासा से मारने की धमकी के लिए दौड़ा लिया जिसकी शिकायत प्रार्थी पत्रकार मनोज तिवारी ने चौकी प्रभारी रामपुर भगन से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है चौकी प्रभारी बिजेंद्र कुमार पाल स्वयं मामले की जांच में जाकर मामले में समझौता कराने की कोशिश करने का प्रयास किया जबकि पत्रकार द्वारा कहा गया कि मामले में एफआइआर पंजीकृत किया जाए चौकी इंचार्ज ने कहा कि मामला दर्ज नहीं किया जाएगा सूत्र बताते हैं कि तारुन पुलिस विपक्षी से मिल चुकी है जिसकी वजह से मामला पंजीकृत नहीं कर रही है वही चौकी इंचार्ज का कहना है कि 29 अगस्त को महामहिम राष्ट्रपति जी का आगमन था थानाध्यक्ष महोदय अयोध्या गए हुए थे इसलिए मामले मैं एफ आई आर दर्ज नहीं किया जा सकता है पुलिस मामले को गंभीरता से ना देते हुए विपक्षी से मिलकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश में है जिससे कभी भी अप्रिय घटना पत्रकार के साथ घटित हो सकती है अभी भी विपक्षी राम प्रिया शरण तिवारी उर्फ राम शंकर तिवारी प्रार्थी को पुन:जान से मार देने की धमकी दे रहां है जिस से प्रार्थी व प्रार्थी के परिजन भयभीत है। पुलिस की लापरवाही से परिजनों को किसी अनहोनी की आशंका है वही गांव के लोगों का जहां रास्ता अवरुद्ध है लोग निकलने के लिए 3 किलोमीटर का चक्कर लगा रहे हैं। चौकी इंचार्ज का कहना है कि मामला दीवानी का है दीवानी से ही आप लोग निपटे इसमें पुलिस कुछ नहीं कर सकती है। पुलिस की इस कार्यशैली से ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। मजबूर होकर प्रार्थी पत्रकार को उच्चाधिकारियों का सहारा लेना पड़ रहा है।