किसानों के भुगतान मामले में गन्ना कमिश्नर को हाईकोर्ट ने जारी किया अवमानना का नोटिस

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गन्ना कमिश्नर को अदालत को यह बताना होगा कि आखिर उन्होंने और योगी सरकार ने हाईकोर्ट से पिछले साल आए आदेश का पालन क्यों नहीं किया और अदालत के आदेश का पालन नहीं करने पर क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए.

इलाहाबाद: योगीराज में भी यूपी के गन्ना किसानों के अच्छे दिन नहीं आने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाराज़गी जताते हुए यूपी के गन्ना विभाग के कमिश्नर को अवमानना का नोटिस जारी किया है. अदालत ने गन्ना कमिश्नर को चार हफ्ते में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. गन्ना कमिश्नर को अदालत को यह बताना होगा कि आखिर उन्होंने और योगी सरकार ने हाईकोर्ट से पिछले साल आए आदेश का पालन क्यों नहीं किया और अदालत के आदेश का पालन नहीं करने पर क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए.

हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने पिछले साल मार्च महीने में एक आदेश जारी कर यूपी के गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान ब्याज समेत किये जाने को कहा था और इस बारे में तत्कालीन अखिलेश सरकार के कैबिनेट के फैसले को रद्द कर दिया था. अगर किसानों को उनके बकाये का भुगतान ब्याज के साथ किया जाएगा तो इससे तकरीबन चालीस लाख गन्ना किसानों को फायदा मिलेगा. अदालत ने साल 2012-13, 13-14 और 2014-15 के जिस बकाये पर ब्याज देने को कहा है, वह रकम तकरीबन ढाई हजार करोड़ रूपये है.

बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साल 2016 में एक आदेश जारी कर गन्ना किसानों को उनके बकाये का भुगतान ब्याज के साथ किये जाने का आदेश दिया था. तत्कालीन अखिलेश सरकार ने इसके खिलाफ कैबिनेट से प्रस्ताव पास कर दिया तो हाईकोर्ट ने पिछले साल मार्च महीने में उसे रद्द कर दिया.
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के फैसले पर भी अमल न होने के बाद राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के वीएम सिंह ने अवमानना याचिका दाखिल की. इस पर आज जस्टिस एमके गुप्ता की बेंच में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सुनवाई करते हुए यूपी के गन्ना विभाग के कमिश्नर आईएएस अफसर संजय भूस रेड्डी को नोटिस जारी किया है. यूपी में एक सौ उन्नीस चीनी मिलें हैं, जिन्हे गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान करना है.

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