महराजगंज (रायबरेली)। कस्बा स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय के पीछे स्थित जमीन पर गुमटी रख अतिक्रमण मामले का तो उपजिलाधिकारी की सख्ती से पटाक्षेप हो गया किन्तु विद्यालय गेट से लगा पेशाब घर एवं करीब दर्जन भर गुमटियों पर कोई कार्यवाही न होना प्रशासन के दोहरे चरित्र को उजागर करने को काफी हैं।
बताते चले की सन 1858 ई.को स्थापित यह विद्यालय अब 160 वर्ष का हो चला हैं किन्तु अतिक्रमणकारियों की बुरी नजर लगने एवं प्रशासनिक उदासीनता के चलते अपने आभामंडल को खो बैठा हैं। जहां दर्जन भर गुमटी धारी इसको आगे से पूरी तरह ढके हैं। वहीं नगर पंचायत ने निकास द्वार पर ही पेशाब घर बना अपनी स्वच्छता का उत्कृष्ट नमूना प्रस्तुत किया हैं। जिससे मजबूरन नौनिहालों, अभिभावकों एवं शिक्षकों को नाक पर हाथ रख निकलना पड़ता हैं। मालूम हो की बीते दो दिनो से जूनियर विद्यालय की जमीन पर लोहे की गुमटी रखे जाने का प्रकरण चर्चा में रहा। प्रधानाचार्या बृजेश कुमारी की शिकायत पर उपजिलाधिकारी पूजा अग्निहोत्री ने त्वरित निर्देश दिया जिस, पर कोतवाली पुलिस द्वारा गुमटी को मौके से हटवाया गया। किन्तु शिक्षा के मंदिर जैसे पवित्र स्थल के निकास द्वार पर नगर पंचायत द्वारा पेशाबघर के निर्माण का होना एवं उससे बच्चों की मनोदशा पर प्रभाव पड़ना अब तक किसी को नहीं दिखा जिसकी दुर्गन्ध से बच्चो एवं शिक्षकों को रोजाना रूबरू होना पड़ता है। वही एक ही परिसर में संचालित जूनियर एवं कन्या सीनियर विद्यालय के सामने करीब आठ दस गुमटियों का जमावड़ा लगा हुआ हैं। लोगो का कहना हैं की अब यह विद्यालय अतिक्रमणकारियों के लिए ऐशगाह सरीखा साबित हो रहा हैं। मामले में ईओ पवन किशोर मौर्य ने बताया की पेशाब घर के निर्माण से यदि विद्यालय प्रशासन को आपत्ति हो तो लिखित शिकायत दे तो उसे हटा दिया जाएगा। वही उपजिलाधिकारी पूजा अग्निहोत्री ने बताया की विद्यालय प्रधानाचार्या द्वारा शिकायत आने पर विद्यालय के बाहर स्थित अतिक्रमण को हटा कर अतिक्रमणकारियों पर कठोर कार्यवाही की जाएगी।
अनुज मौर्य रिपोर्ट