बीकापुर पुलिस कार्यशैली से नाराज पीड़ित पहुंचा न्यायालय के दरबार कोर्ट ने धारा 156,3 के अंतर्गत मामला किया दर्ज

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अयोध्या

अधिकारियों के चौखट पर दस्तक देते देते बीकापुर पुलिस से नाराज पीड़ित ने न्यायालय सिविल जज जूनियर डिविजन तृतीय एसी जीएम फैजाबाद महोदय के यहां प्रकीर्ण वाद संख्या धारा 44/2021 के तहत धारा 156/ ३ के तहत लता पांडे आदि बनाम जुग्गीलाल आदि थाना कोतवाली बीकापुर फैजाबाद के विरुद्ध न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराया है लता पांडे का कथन है की संख्या 5 की गाटा संख्या,० 817 खतौनी की भूमि है तथा गाटा संख्या 813 आबादी जरिए बैनामा पूर्वजों द्वारा प्राप्त किया गया है जो वर्तमान स्थिति में श्रेडी के अंतर्गत आबादी में काबिज दाखिल है तथा उपयोग करते चले आ रहे हैं प्रार्थी गण संख्या एक लता पांडे व दो पदमाक्ष को प्रार्थी संख्या 5 ने अपने हिस्से की प्रार्थी संख्या 1 को बैनामा व आबादी की भूमि813 में संख्या दो को जरिए इकरारनामा दिया था । पीड़ितों का कहना है कि विपक्षी जुग्गी लाल यादव अध्यक्ष नगर पंचायत बीकापुर व विपक्षी संख्या दो सुबह लगभग 10:00 बजे जेसीबी के साथ प्रार्थी गणों की जमीन में जबरन खुदाई करने लगे तथा बनी दीवार वा लगे पेड़ों को गिराने लगे प्रार्थना के विरोध करने पर प्रार्थिनी के पति व पुत्रों को बुरी तरह मारने पीटने लगे वह प्राथमिक का बाल पकड़कर पटक दिया हल्ला गुहार पर विपक्षी गण जान से मारने की धमकी देते हुए चले गए पीड़ित ने घटना की सूचना थाना स्थानीय पर दिया परंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई तब घटना की सूचना वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अयोध्या पुलिस उपमहानिरीक्षक कोई कार्यवाही नहीं हुई पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने पर प्रार्थी गणों ने अनुसार मामले को न्यायालय में पहुंचा दिया न्यायालय ने प्रार्थना पत्र में आवेदक द्वारा किए गए कथन से घटना के तथ्य एवं परिस्थितियों की पूर्ण जानकारी की तथा प्रार्थना पत्र में ऐसा कोई कथन वर्णित नहीं किया गया है जिससे कि कोई ऐसा साक्ष्य संकलित किया जाना हो जो की विवेचना कराए जाने के उपरांत संकलित किया जा सकता हो प्रार्थना पत्र में कोई तकनीकी तथ्य नहीं है। न्यायालय ने कहा है कि दोनों पक्ष न्यायालय में अपने अपने साक्ष्य प्रस्तुत कर सकते है उपरोक्त घटना के तथ्यों परिस्थितियों के संबंध में व्यवस्थाओं का उल्लेख किया जाना प्रासंगिक होगा कि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सुरेश चंद जैन बनाम राज्य मध्यप्रदेश एसईसी 40 उच्च न्यायालय द्वारा बाबूराम गुप्ता तथास्तु उत्तर प्रदेश में प्रतिपादित सिद्धांत के प्रकाश में मामले को परिवाद के रूप में पंजीकृत करना न्याय संगत उचित प्रतीत हुआ है यह न्यायालय का कथन है न्यायालय ने आदेश जारी करते हुए धारा 156/ 3 परिवाद के रूप में दर्ज रजिस्टर हो पत्रावली वास्ते बयान परिवादिनी अंतर्गत धारा 200 दिनांक 29 सितंबर 2021 को पेश होने का निर्देश दिया है।

मनोज कुमार तिवारी रिपोर्ट

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