गहि गिरीस कुश कन्या पानी भवहि समरपी आनि भवानी -पंडित राम नयन मिश्र शास्त्री जी महाराज

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प्रतापगढ़। लक्ष्मीकुंज नई बस्ती बलीपुर में बह रही कथासरिता में श्रोताओं को गोता लगवा रहे पूज्य गुरुदेव श्री श्री पंडित राम नयन मिश्र शास्त्री जी महाराज ने आज कथा के द्वितीय दिवस प्रयागराज महिमा भरद्वाज ऋषि व याज्ञवल्क्य ऋषि का सम्वाद सती मोह शिव पार्वती विवाह की कथा का गायन कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया कथा का गायन करते हुए उन्होने कहा कि मति अनुहारि सुबारिगुन गन गनि मनअन्हवाई सुमिरि भवानी शंकरहि कह कवि कथा सुहाइ अब रघुपति पद पंकरुह हिय धरि पाई प्रसाद कहउ जुगल मुनिबर्य कर मिलन सुभग सम्वाद कथा में प्रयागराज की महिमा का गायन करते हुए महाराज जी ने कहा कि भरद्वाज जी याज्ञवल्क्य जी से राम कथा कहने का आग्रह करते हैं उनके आग्रह पर याज्ञवल्क्य जी कथा सुनाना प्रारम्भ करते है सती मैया को मोह क्यों हुआ कैसे उनका शंसय दूर हुआ शिव जी का कामदेव पर क्रोधित होना कामदेव का शिव जी के तीसरे नेत्र से भस्म होना माता पार्वती की शिव कृपा प्राप्ति हेतु तपस्या शिव पार्वती विवाह आदि का वर्णन करते हुए भरद्वाज जी के माध्यम से कथा व्यास जी ने लक्ष्मी कुंज के श्रोताओं का आनन्द वर्धन किया तत्पश्चात भजनों का गायन करने के साथ ही आरती व प्रसाद वितरण के साथ आज की कथा को विश्राम दिया।

कथा में मुख्य यजमान सपत्नीक हरिनाथ मिश्र, विशालनाथ तिवारी, अमित शुक्ल, गिरिजा रमण मिश्र, हनुमानबक्स सिंह, दया शंकर तिवारी ,अशोक शुक्ल, राघ्वेन्द्र द्विवेदी, भोले शन्कर दुबे, दीना नाथ यादव, श्री मन्त शुक्ल, ओ पी उपाध्याय, ध्रुब जायसवाल ,नन्दन शुक्ला, अवध राज सिंह, हरीश शर्मा,पप्पू वर्मा, अशोक शुक्ल, मुनीन्द्र, रवि प्रकाश मिश्र, हरिकेश शुक्ल लक्ष्मी मिश्रा प्रतिमा शुक्ला एवम सैकड़ों महिलायें व पुरुष उपस्थित रहे।

अवनीश कुमार मिश्रा रिपोर्ट

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