मिशन 2022 को लेकर अयोध्या पहुंचे राष्ट्रीय अध्यक्ष डा संजय निषाद

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अयोध्या:-

निर्बल इंडियन शोषित हमारा दल (निषाद पार्टी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पॉलिटिकल गॉडफादर ऑफ फिसर मैन डॉ संजय कुमार निषाद का अयोध्या धर्मशाला बाई पास रोड पर 15 जूलाई 2021 को 1 बजे श्रृंग्वेरपुर के महाराजा गुह्यराज निषाद के आत्मबालसखा मर्यादा पुरुषोत्तम राम की पावन धरती पर 1 महीने के प्रवास पर जनता की सामाजिक और राजनीतिक लड़ाई को निर्णायक स्तर पर पहुंचाने और आगामी विधानसभा चुनाव तैयारी के लिए जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला में सभी विधानसभा के हजारों कार्यकर्ता और पदाधिकारी, महिला मोर्चा, युवा मोर्चा उपस्थित रहेंगे। निषाद आरक्षण के मुद्दे को माननीय गृहमंत्री भारत सरकार अमित शाह, माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष बीजेपी जेपी नड्डा, और माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के समक्ष रखने और जल्द से जल्द हल करने के वादे के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद अब जनता के बीच में है जनता है निषाद पार्टी के मालिक हैं फैसला जनता को लेना है।

डॉ निषाद ने कहा मंत्रिमंडल विस्तार में हमारी उपस्थिति दूसरी या फिर अंतिम प्राथमिकता हो सकती है। समाज हित के लिए हमें मंत्री पद क्या दुनिया के सभी सूखों का त्याग करना पड़े तो भी करने को तैयार है। निषाद पार्टी ने ना कभी मंत्री पद मांगा है ना ही विधानसभा चुनावों में सीटों को लेकर कोई उहापोह है।

डॉ. निषाद का राजनीति में आने का एक ही उद्देश्य एक ही ध्येय है वो है मछुआ एससी आरक्षण और मछुआ समाज का विकास। केन्द्र और राज्य में काबिज बीजेपी सरकार अपने वादों के अनुसार उत्तराखंड के तर्ज पर शिल्पकार जाति में जातियों का समूह है प्रजापति कुम्हार आदि प्रर्यायवाची है उसी तरह से मझवार जाति नहीं है बल्कि मछुआरों के जातियों का समूह है केवट, मल्लाह आदि उसकी प्रर्यायवाची है, मछुआ एससी आरक्षण दें हम बीजेपी के साथ है और आगे भी रहेंगे। निषाद पार्टी एससी मछुआ आरक्षण लेने के लिए प्रतिबद्ध है और जब तक आरक्षण मिल नहीं जाता निषाद पार्टी इसकी लड़ाई लड़ती रहेगी। निषाद पार्टी की एक ही प्राथमिकता मछुआ एससी आरक्षण लागू करवाना। निषाद पार्टी हमेशा अपने समाज और गरीब पिछड़े वंचित समाज की सत्ता में तथा शासन में संख्या के आधार पर संवैधानिक भागीदारी प्राप्त करने के लिये कृत संकल्पित है

हम सम्मानित जनता के बीच में है और समाज के हक़ की लड़ाई लड़ रहे है तमाम मोर्चे और तमाम लोग निषाद पार्टी को बदनाम करने के लिये समय समय पर षड्यंत्र करते रहते है हमारा इस वक़्त समझौता सिर्फ़ भाजपा के साथ है हम किसी भी अन्य मोर्चे के या दल के साथ नहीं हैं

डॉ निषाद ने कहा कि बीजेपी और मौजूदा प्रदेश सरकार निषाद आरक्षण विरोधी नही है, प्रदेश की सरकार के मुखिया ने बकौल सांसद कई बार निषाद आरक्षण का मुद्दा उठाया है, ऐसे में जो प्रदेश के अधिकारी है ये सरकार को निषाद समाज के कल्याण की गलत रिपोर्ट लगा देते है और प्रदेश सरकार को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। क्योंकि ये अधिकारी ऊपर से सरकार के साथ है परंतु ये काम सपा और बसपा का कर रहे हैं।

निषाद पार्टी हमेशा से समाज के हित की बात करती आई है, और समाज हित के लिए ही 2019 में हम भाजपा से जुड़े थे और भाजपा ने कहा था की सत्ता में आते ही निषादों के आरक्षण के मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा। परंतु बीजेपी अभी प्राथमिकता तो छोड़िए अंतिम प्राथमिकता भी आरक्षण को नहीं रख रही है क्योंकि अधिकारी कभी सही रिपोर्ट लगाते ही नही और जिसके चलते निषाद आरक्षण अटकता जा रहा है ऐसे में निषाद समाज में काफी रोष है और निषाद समाज के रोष के चलते ही हाल में हुए पंचायत चुनावों में भाजपा को काफी नुकसान उठाना पड़ा। मछुआ समाज ने देश को आजाद करवाने में सबसे बड़ा योगदान दिया था और राष्ट्रपति के नोटिफिकेशन के आधार पर संविधान में भी मझवार, गौड़, तुरैया, कोली आदि को अनुसूचित जाति के अंतर्गत सूचीबद्ध कर शामिल किया गया है परंतु कांग्रेस की कूनीतियों के चलते 1992 में गैरसंवैधानिक ढंग से मछुआ समाज के सभी उप और प्रर्यायवाची व पुकारू जातियों के नामों को धोखे से पिछड़ी जाति की सूची में शामिल कर दिया गया, बसपा और सपा ने भी निषादों को आरक्षण के नाम पर धोखा देने का काम किया मौजूदा स्थिति में बीजेपी भी कांग्रेस के मार्ग पर चल रही है और जिस निषाद समाज ने 2017 करे विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 323 और 2019 में 65 सीटें देने का काम किया आज वो ही समाज आरक्षण विहिन है जबकि कसरवल आंदोलन के समय मौजूदा सीएम और तबके गोरखपुर सांसद योगी आदित्यनाथ जी ने ही संसद में निषाद आरक्षण के मूद्दे का समर्थन किया था परंतु अब योगी जी अपने वायदा पूरा करते नहीं दिख रहे हैं और ऐसे में बीजेपी को 2022 में निषादों की उपेक्षा करना भारी पड़ेगा।

निषाद पार्टी की सरकार से गिनी चुनी मांगे है:- पहली प्राथमिकता मछुआ एससी आरक्षण लागू करवाना साथ ही नदी ,ताल ,घाट के किनारे बसने वाले वाले मछुआरों पर दर्ज किए सभी मुकदमे वापस हो। सरकार उनपर लादे सभी मुकदमे वापस ले और इन क्षेत्रों के सभी भ्रष्टाचारी अधिकारियों को निलंबित करे। नदी ,ताल ,घाट और बालू के पट्टे मछुआरों को आवंटित किए जाए एक कानून बनाया जाए की नदी ताल घाट के किनारे की जमीन मछुआरों के लिए आरक्षित की जाए।

मंत्रिमंडल और केंद्र या राज्य सरकार में हिस्सेदारी हमारी अंतिम प्राथमिकता है, हमारी संख्या उत्तर प्रदेश में 18 फीसदी है और इतनी बड़ी जनसंख्या का एक प्रतिनिधि सदन में होना चाहिए। भाजपा राज्यसभा भेजने का वादा निभाए और अगर राज्य में डिप्टी सीएम मिल जाता है तो इससे बेहतर क्या होगा।

हाल ही में केंद्र के आरजीआई का हवाला देते हुए मछुआ आरक्षण को रद्द कर दिया है परंतु मछुआ आरक्षण आरजीई के अतर्गत आता ही नहीं है। मौजूदा सरकार में अगर समय आरक्षण नहीं मिलता और निषाद समाज के हितों में नदी ताल घाटों का पट्टे मछुआ समाज के नाम नहीं करती तो निषाद पार्टी निषाद समाज के कल्याण और भविष्य के लिए सड़क पर उतरेंगी जिसकी जिम्मेदार मौंजूदा सरकार होगी। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष आशाराम निषाद सहित मंडल अध्यक्ष राजेश कुमार निषाद, जिला संयोजक निन्हूराम निषाद ,जिला अध्यक्ष आसाराम निषाद , महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष निशा निषाद,युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष अनिल कुमार निषाद, जिला सचिव महादेव निषाद, सुहावल ब्लॉक अध्यक्ष अमृतलाल निषाद,आनंद सिंह, सुधीर निषाद, नरेंद्र श्रीवास्तव, प्रेम सागर निषाद, विश्वनाथ निषाद, रिंकू निषाद ,प्रेम सागर निषाद ,रामकरण निषाद विधानसभा अध्यक्ष गोसाईगंज, अजय कुमार निषाद सहायक विधानसभा अध्यक्ष, दिनेश निषाद जिला सचिव ,पंकज वर्मा, राजेश निषाद, सरवन निषाद महानगर उपाध्यक्ष ,गोसाईगंज विधानसभा उपाध्यक्ष विजय निषाद , विजय निषाद ,लालता निषाद, गोविंद निषाद, मीडिया प्रभारी शिव शंकर निषाद, राम कुमार निषाद, झिनकान निषाद, विजय निषाद मौजूद रहे।

मनोज तिवारी रिपोर्ट

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