अयोध्या -(श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में नृपेंद्र मिश्र, चंपत राय और अन्य सदस्य शामिल हुए हैं।)
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीनों में घोटाले के आरोपों के बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की एक के बाद एक बैठकें हो रही हैं। 5 घंटे के अंदर ट्रस्ट ने दूसरी बड़ी बैठक शुरू कर दी है। इससे पहले 10 बजे से एक बजे तक ट्रस्ट के सदस्यों ने घोटाले के आरोपों और मंदिर निर्माण कार्यों को लेकर बातचीत की है।सर्किट हाउस में चल रही इस बैठक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सचिव रहे नृपेंद्र मिश्र, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय समेत अन्य कई सदस्य पहुंच गए हैं। बताया जाता है कि इसमें भी घोटाले के आरोपों को लेकर चर्चा हो सकती है।
मीडिया से बचते दिखे चंपत राय
सुबह पहली सत्र की बैठक के बाद बाहर निकले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया से बातचीत करने से साफ मना कर दिया। सर्किट हाउस से बाहर आते ही वह अपनी कार में बैठकर बाहर निकल गए। इसके पहले रविवार की देर रात उन्होंने बयान जारी कर सारे आरोपों को खारिज कर दिया था। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश ठहराया। चंपत राय ने कहा है कि मंदिर के लिए खरीदी जा रही जमीनें बाजार से बहुत कम रेट पर ली जा रही हैं। अब तक मंदिर के लिए खर्च हुए एक-एक पैसे का हिसाब रिकॉर्ड पर है।
पहले दिन मंदिर निर्माण को लेकर हुई चर्चा
ट्रस्ट की ये बैठक दो दिन की है। इसके पहले रविवार को हुई बैठक में तय हुआ कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए नींव का काम अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से पत्थर मंगाने पर सहमति बनी। बताया गया कि पत्थर लाने में राजस्थान सरकार भी मदद कर रही है।
मंदिर के चबूतरे और शिखर में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के पत्थरों का प्रयोग होगा। इसमें एक लाख घन फीट पत्थर तराशे जा चुके हैं। रामजन्मभूमि परिसर में 60 प्रतिशत तक पत्थरों को पहुंचाया जा चुका है। बाकी के पत्थर अभी आने हैं। बता दें कि अभी तक राजस्थान में खदान पर रोक लगी थी। राजस्थान सरकार से बातचीत के बाद अब सहमति बनी गई है।
मंदिर के लिए 31 मार्च तक 3200 करोड़ रुपए आया
11 नवंबर के बाद पूरी दुनिया में चंदा जुटाने के लिए जनसंपर्क अभियान चलाया गया।अभियान के तहत 5,37,000 लोगों ने 11 करोड़ लोगों से संपर्क किया था, जिसमें 31 मार्च तक 3200 करोड़ रुपया ट्रस्ट के खाते में आया।यह दुनिया का सबसे बड़ा अभियान जो मात्र 40 दिन में सफल रहा।इस अभियान में 4 करोड़ लोगों ने मंदिर निर्माण के लिए मात्र 10 रुपए का चंदा दिया।अभियान फरवरी में खत्म हो गया, उसके बावजूद मई तक ट्रस्ट के खाते में 80 करोड़ रुपए और आए। एक महीने में रामलला के दानपात्र अर्थात हुंडी में 60 लाख का दान आया।
पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने लगाए हैं आरोप
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि दो करोड़ रुपए में बैनामा कराई गई जमीन को 10 मिनट के अंदर 18.50 करोड़ रुपए में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया गया। पांडेय ने बताया कि यह जमीन सदर तहसील इलाके के बाग बिजैसी में स्थित है, जिसका क्षेत्रफल 12 हजार 80 वर्ग मीटर है। यह जमीन रवि मोहन तिवारी नाम के एक साधु और सुल्तान अंसारी के नाम बैनामा हुई थी। ठीक 10 मिनट बाद इसी भूमि का ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के नाम 18.50 करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया जाता है। बैनामा और रजिस्टर्ड एग्रीमेंट 18 मार्च, 2021 को किया गया था।पांडेय ने आरटीजीएस की गई 17 करोड़ रुपए रकम की जांच कराने की मांग की है। साथ ही कहा है कि यह धनराशि कहां-कहां गई, इसका पता लगाया जाए और भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बैनामा और रजिस्टर्ड एग्रीमेंट में ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र और नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं।
मनोज तिवारी रिपोर्ट