अंतर्राष्ट्रीय जनाधिकार परिषद के प्रदेश अध्यक्ष ताबरेज़ वारसी ने बकरे का दाम लगाया 70 हज़ार

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शुरू हो गई ईद-उल-अजहा की तैयारियां, नहीं हो पाएगी सामूहिक नमाज

चांद निकलने के बाद से लोग ईद-उल-अजहा की तैयारी में जुट जाते हैं लेकिन कोरोना वायरस की वजह से इस बार हालात बदले हुए हैं। घर में ही लोगों को नमाज अदा करना पड़ेगा

फतेहपुर। बुधवार को चांद के दीदार के साथ ईद-उद-अजहा (बकरीद) की तैयारियां शुरू हो गई। पहली अगस्त को अजीम कुर्बानी का त्योहार मनाया जाएगा। चांद देखने के बाद लोगों ने एक सोशल मीडिया के जरिए एक दूसरे को बधाई दी। ईद की तरह ईद-उल-अजहा की नमाज भी मस्जिदों और ईदगाहों में चंद लोग अदा कर सकेंगे। उलेमा ने अपने अपने घरों में शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए नमाज अदा करने की अपील की है। वहीं तंजीम उलेमा-ए-अहले सुन्नत ने कुर्बानी से संबंधित मसले के हल के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। जिलहिज्जा की 10 तारीख को ईद-उल-अजहा का त्योहार मनाया जाएगा। चांद निकलने के बाद से लोग ईद-उल-अजहा की तैयारी में जुट जाते हैं, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से इस बार हालात बदले हुए हैं। घर में ही लोगों को नमाज अदा करना पड़ेगा। कुर्बानी के लिए बकरों का बाजार भी इस बार पहले जैसा नहीं लगा है, सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंक के साथ ही लोग बकरे की खरीद फरोख्त करते नजर आ रहें हैं। जैसे जैसे बकरा ईद करीब आ रही है उतना ही लोग कुर्बानी को लेकर बकरा खरीद रहें हैं। फतेहपुर में भी बकरीद को लेकर इस बार कोरोना को देखते हुए बकरा बाज़ारो पर प्रतिबंध लगा है। तो लोग इस बार बार ऑनलाइन बकरे खरीद रहे हैं तो कही पास पड़ोस के लोगो से बकरों की खरीदारी कर रहे। फतेहपुर के एक मुहल्ले में बकरा बेचने वाले ने बताया कि उसका बकरा सबसे ज्यादा दाम में खरीदा गया जिसकी कीमत 70 हजार रूपए लगाई गई, सूत्रों से पता चला है कि फतेहपुर में सबसे ज्यादा दाम यानी 70 हजार रूपए लगाने वाले उसी क्षेत्र के समाज सेवी है जो शुरुआती लॉक डाउन से लेकर अब तक जरूरतमंदो की मदद करते आ रहें हैं, अंतर्राष्ट्रीय जनाधिकार परिषद के प्रदेश अध्यक्ष ताबरेज़ वारसी उर्फ टीलु ने ही 70 हजार का बकरा खरीदा है, जब उनसे पूछा गया कि इतनी कीमत एक बकरे की लगाने के पीछे क्या मंशा है, तो तबरेज वारसी उर्फ टीलू ने बताया कि कोरोना वायरस लॉक डाउन के चलते जहां लोगों के धंधे पर असर पड़ा है इसी बात को ध्यान में रखते हुए कि हमने उस गरीब की मदद करते हुए ज्यादा दाम लगाए हैं उन्होंने बताया कि हम जरूरत मंदो की मदद करने का कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाहते हैं, इसके पीछे हमारा नाम हो ये मै नहीं चाहता बल्कि कोई भी इंसान भूखा न रहें हम ये प्रयास करते रहते हैं और आगे भी करते रहेंगे।

मनीष श्रीवास्तव रिपोर्ट

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