लखनऊ। समाजवादी पार्टी में किनारे कर दिए गए शिवपाल यादव ने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने का ऐलान किया है. शिवपाल ने सपा के तमाम लोग जो पार्टी में उपेक्षित हैं और जिन्हें काम करने का मौका नहीं मिल रहा है. उन सभी को साथ लेकर चलने की बात कही है। शिवपाल ने कहा कि सपा में मुझे काम करने की जिम्मेदारी (पद) नहीं दी जा रही है और न ही कोई मौका दिया जा रहा है। ऐसे में मेरे पास कोई रास्ता नहीं बचा था. इसी के मद्देनजर समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के वक्त ये तय होगा कि कौन कौन कहां चुनाव लड़ेगा। शिवपाल ने कहा कि अब मुलायम सिंह यादव तय करेंगे वो क्या फैसला करेंगे। चुनाव में उनके खिलाफ उम्मीदवार उतारेंगे या नहीं इसका फैसला पार्टी करेगी। समाजवादी कुनबे में लंबे समय से चली आ रही कलह अब बगावत के रूप में सामने आ रही है। शिवपाल के सेक्युलर मोर्चा बनाने के बाद साफ हो गया है कि अब उन्होंने अपनी सियासी राह सपा से अलग चुन ली है. हालांकि पिछले डेढ़ साल से वे पार्टी में किसी भी पद पर नहीं हैं। दरअसल अखिलेश यादव और शिवपाल के बीच रिश्ते में खटास 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव के पहले आई थी। इसी का नतीजा था कि अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था। इसके बाद मुलायम कुनबे की लड़ाई सड़क पर आ गई थी। हालांकि मुलायम सिंह यादव ने कई बार कुनबे को एक करने की कोशिश की, लेकिन वे कामयाब नहीं हो सके। इसी के चलते पिछले दिनों खबर आई कि शिवपाल बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। शिवपाल के करीबी माने जाने वाले अमर सिंह ने भी कहा था कि उन्होंने बीजेपी के बड़े नेता के साथ उनकी मीटिंग फिक्स कराई थी, लेकिन वे नहीं पहुंचे।