अयोध्या
300 साल पुराना फकीरे राम मंदिर की जमीन को इस साल मार्च में राम जन्मभूमि न्यास को बेच दी गई थी। इसके खिलाफ फैजाबाद जिला अदालत में याचिका दायर की गई है।हाइलाइट्सराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि सौदे का मामला अदालत पहुंचाकोर्ट ने ट्रस्ट के सचिव चंपत राय समेत चार लोगों को तलब किया है300 साल पुराने मंदिर की जमीन ट्रस्ट को बेच देने पर है विवाद वक़्त नहीं है?
चंपत राय तलब
अयोध्या में राम मंदिर के लिए हुए एक भूमि सौदे के सिलसिले में यहां की एक अदालत ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सचिव चंपत राय और तीन अन्य को तलब किया है। शिवसेना नेता संतोष दुबे और वाराणसी के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने फैजाबाद जिला अदालत में याचिका दायर कर राम जन्मभूमि स्थल से लगे एक मंदिर की भूमि की बिक्री को चुनौती दी थी।याचिकाकर्ता के वकील तरुणजीत वर्मा ने कहा कि करीब 300 साल पुराने फकीरे राम मंदिर की 30,830 वर्ग फुट भूमि महंत रघुवर सरन ने पुजारी कृपा शंकर दास और संरक्षक राम किशोर सिंह की सहमति से इस साल मार्च में 3.71 करोड़ रुपये में राम जन्मभूमि न्यास को बेच दी थी। वर्मा ने कहा, ‘हमने अदालत में यह ऐतराज जताया कि किसी को भी मंदिर बेचने की अनुमति नहीं है क्योंकि इसका मालिकाना हक देवता के पास है और कोई भी इस संपत्ति को ना तो बेच सकता है और ना ही उसे दान कर सकता है।’6 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
वर्मा ने कहा, ‘हमने यह भी मांग की है कि 27 मार्च को महंत रघुवर सरन के पक्ष में बनाया गया बैनामा और दाखिल खारिज के आदेश को रद्द किया जाए।’ मंदिर को ध्वस्त नहीं करने का भी अनुरोध किया गया है। अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख छह अगस्त निर्धारित की है।
मनोज तिवारी रिपोर्ट